शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 20 फरवरी को कहा कि चुनाव आयोग को तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जो निर्णय दिया है, वह निकट भविष्य में अन्य पार्टियों के लिए घातक साबित हो सकता है। इसलिए चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सभी पार्टियों को साथ आना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने 20 फरवरी को शिवसेना भवन में पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि इससे पहले बहुत सी पार्टियों में विवाद होने के बाद चुनाव आयोग ने पहले का नाम शिवसेना और चुनाव चिह्न धनुष बाण फ्रीज कर लिया था। शिवसेना के मामले में चुनाव आयोग ने साजिश के तहत एकतरफा फैसला दिया है। यह फैसला चुनाव आयोग के जिन आयुक्तों ने दिया है, उनमें से एक पर प्रशांत भूषण आरोप लगा चुके हैं।
चुनाव आयुक्त का चुनाव किया जाना चाहिए
उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि देश में लोकतंत्र की रक्षा करने का काम चुनाव आयोग का है, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाती है, यह सबसे बड़ा मजाक है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयुक्त का चुनाव किया जाना चाहिए, जिससे वह निष्पक्ष काम कर सके।
नाम और निशान चुराने का आरोप
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्होंने (शिंदे समूह) पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न चुराया है। यह एक सोची समझी साजिश थी। भले ही शिवसेना नाम चुरा लें, ठाकरे नाम कोई नहीं चुरा सकता। अगर शिंदे समूह में दम होता तो वे चुनाव के मैदान में जाते लेकिन नाम और पार्टी चुरा कर भी वे हमारा सामना नहीं कर सकते हैं।