Maharashtra: क्या मविआ छोड़ेंग उद्धव ठाकरे? जानिये, आखिर उस बैठक में हुआ क्या?

151

Maharashtra विधान परिषद चुनाव में महायुति के 9 में से 9 उम्मीदवार जीत गए, जबकि महाविकास अघाड़ी के 2 उम्मीदवार जीते। शरद पवार की पार्टी एनसीपी और निर्दलीय उम्मीदवार जयंत पाटील चुनाव हार गए। इससे समझ में आता है कि महाविकास अघाड़ी में पर्दे के पीछे बहुत कुछ चल रहा है। यह भी चर्चा है कि उद्धव ठाकरे ने महाविकास अघाड़ी छोड़ने की चेतावनी दी है। विधान परिषद चुनाव के दौरान पर्दे के पीछे वास्तव में क्या हुआ? पता करते हैं।

 चुनाव से पहले बैठक में ड्रामा
विधान परिषद चुनाव से पहले बैठक में शरद पवार की पार्टी एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील, विधायक जीतेंद्र आव्हाड के साथ नृपाल पाटील और शरद पवार समर्थक उम्मीदवार जयंत पाटील के बेटे तथा भतीजे निनाद पाटील देर रात बैठक में शामिल हुए। इस दौरान ठाकरे सेना नेता अनिल देसाई के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे की शिवसेना उनके चाचा जयंत पाटील के खिलाफ साजिश रच रही है। इससे विधान परिषद चुनाव से पहले महाविकास अघाड़ी में तीव्र संघर्ष शुरू हो गया।

Hospital murder case: जीटीबी अस्पताल में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डॉक्टर्स-नर्स, उपराज्यपाल से की यह मांग

कांग्रेस विधायकों के समर्थन से असंतोष
शिव सेना उबाठा गुट के पास अपने स्वयं के 15 वोट और एक निर्दलीय, कुल 16 वोट थे। इसमें कांग्रेस के सात वोट जुड़ने थे। लेकिन चूंकि मिलिंद नार्वेकर को दिए गए कांग्रेस विधायकों के नाम संदिग्ध थे, इसलिए ठाकरे ग्रुप ने कांग्रेस के सात विधायकों के नाम बदलने पर जोर दिया। अनुमान लगाया गया कि नार्वेकर पहले से ही कुल 23 वोट पाकर जीत जायेंगे।

कांग्रेस में दिखी गुटबाजी
राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता वास्तव में इस बात पर बंटे हुए थे कि उन्हें ठाकरे के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर का समर्थन करना चाहिए या किसान और वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) नेता जयंत पाटील का। पृथ्वीराज चव्हाण, बंटी पाटील, नसीम खान और नाना पटोले आवश्यक सात वोटों के साथ ठाकरे का समर्थन करने के लिए तैयार थे, जबकि विपक्षी नेता विजय वडेट्टीवार और बालासाहेब थोराट शरद पवार के उम्मीदवार जयंत पाटील के पक्ष में वोट डालने की भूमिका में थे। जिससे ठाकरे के उम्मीदवार के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया।

इसके बाद मतदान से एक रात पहले 12 जुलाई को इंटरकॉन्टिनेंटल होटल में कांग्रेस के राज्य प्रभारी रमेश चेनिथला और उद्धव ठाकरे की मौजूदगी में एक बैठक में दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई। फिर राज्य कांग्रेस नेतृत्व के प्रस्ताव के अनुसार नाम बदल दिए गए। अंततः नाना पटोले, के.सी. यूबीटी सेना के समर्थन में सात नामों पडवी, सुरेश वरपुडकर, शिरीष चौधरी, सहसराम कोरोटे, मोहनराव हम्बर्डे और हिरामन खोसकर के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया।

कांग्रेस के वाजिब रुख से आखिरकार उद्धव ठाकरे की नाराजगी दूर हो गई। इसी से अंततः मिलिंद नार्वेकर की जीत का मार्ग प्रशस्त हुआ।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.