महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने कहा कि कोरोना की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। साथ ही केंद्र सरकार से जीएसटी की रकम नहीं मिल रही है। इसलिए राज्य सरकार को टैक्स बढ़ाने जैसा कठोर निर्णय लेना पड़ेगा। उन्होंने टैक्स बढ़ाने का ब्योरा अभी सार्वजनिक नहीं किया है।
वित्त मंत्री ने 26 जनवरी को पुणे में पत्रकारों को बताया कि पहले सेल्स टैक्स लोकल बॉडी टैक्स (एलबीटी) की वसूली की जाती थी। इससे राज्य की स्थानीय नगर निकाय का खर्च तथा विकास कार्य हो रहा था लेकिन वन नेशन वन टैक्स का निर्णय लिया गया। जीएसटी के तहत सारा टैक्स केंद्र सरकार के पास जाता है और केंद्र सरकार हर राज्यों को तय रकम वापस करती है।
कोरोना महामारी है मुख्य कारण
अजित पवार ने कहा पिछले दो साल में कोरोना की वजह से सभी राज्यों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है। कई राज्यों के वित्त मंत्रियों टैक्स बढ़ाने की मांग की है। इस संबंध में केंद्र सरकार के निर्णय का इन्तजार है।
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महाराष्ट्र हर समस्या से लड़ने के लिए तैयार
उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री पवार ने कहा कि महाराष्ट्र हर समस्या से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहता है। इसी वजह से राज्य सरकार ने आय के नए तरीके खोजना शुरू कर दिया है। इस संबंध में 27 जनवरी को होने वाली मंत्री समूह की बैठक में विचार किया जाएगा। इसके बाद आगामी बजट सत्र में नए टैक्स को लागू करने का निर्णय लिया जाएगा।