महाविकास आघाड़ी सरकार के नेताओं की सुरक्षा कम कर दी गई है। इसमें कारागृह काल भुगत रहे अनिल देशमुख, नवाब मलिक और संजय राऊत की सुरक्षा हटा दी गई है। जबकि, जयंत पाटील, छगन भुजबल, एकनाथ खडसे समेत कई सुरक्षा कम कर दी गई है।
जिसकी सत्ता उसकी सुरक्षा… साधारतया यह सामान्य विचार रहता है। जब भी नई सरकार आती है, उसके पहले की सरकार में सुरक्षा सुख भोग रहे पूर्व मंत्रियों, सत्ता के साथियों की सुरक्षा का नए सिरे आंकलन करके उसमें बदलाव किया जाता है। इसी के अनुरूप महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार सरकार के समय में नए सुरक्षा मानक निर्धारित किये गए हैं। जिसमें महाविकास आघाड़ी के 25 नेताओं की सुरक्षा कम कर दी गई है या हटा दी गई है। इसके पूर्व मुख्यमंत्र उद्धव ठाकरे परिवार और शरद पवार के परिवार की सुरक्षा को पूर्ववत् ही रखा गया है। जबकि उद्धव ठाकरे के स्वीय सहायक मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा को बढ़ाकर वाइ स्तर की कर दी गई है। जिससे सभी को आश्चर्य है।
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जेड से सुरक्षा हुई वाइ श्रेणी
अजीत पवार, दिलीप वलसे पाटील (पहले जेड श्रेणी की सुरक्षा)
स्तरीय सुरक्षा कम की गई
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी –
छगन भुजबल, अनिल देशमुख, जयंत पाटील, नवाब मलिक, धनंजय मुंडे, नरहरि झिरवल, एकनाथ खडसे
शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे –
भाष्कर जाधव, वरुण सरदेसाई, अनिल परब, संजय राऊत
कांग्रेस –
विजय वडेट्टीवार, बालासाहेब थोरात, नाना पटोले, सतेज पाटील, सुनील केदारे
विपक्ष में भी जलवा कायम
गृह विभाग द्वारा संभावित खतरों के अनुसार सुरक्षा में कमी या बढ़ोतरी की जाती रहती है। परंतु, उद्धव ठाकरे के स्वीय सहायक मिलिंद नार्वेकर का जलवा इस सरकार में अधिक निखरकर सामने आया है। नई सुरक्षा समीक्षा में उन्हें वाई स्तर की सुरक्षा दी गई है। जिससे राजनीतिज्ञों में चर्चा है।
मिलिंद नार्वेकर मुंबई क्रिकेट असोसिएशन में भी चुने गए हैं। उन्हें शरद पवार – आशीष शेलार गुट का समर्थन था। इस चुनाव में ठाकरे परिवार के तीन मत थे, जिसमें उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे का समावेश है, परंतु तीनों ही ठाकरे मतदान करने नहीं गए।
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