मंगलवार और बुधवार के 48 घंटे महाविकास आघाड़ी सरकार के लिए संघर्ष भरे रहे। शिवसेना की स्थापना के 56 वर्षों में पहली बार इतना बड़ा विद्रोह हुआ है। जिसमें शिवसेना नेता और कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे के साथ 35 विधायकों ने विद्रोह का बिगुल फूंक दिया है। लेकिन इस संघर्ष के 48 घंटे में राज्य सरकार ने हर घंटे में दो शासनादेश पास किया है।
महाविकास आघाड़ी सरकार की 22 जून, 2022 को कैबिनेट बैठक हुई। इसके बाद 63 शासनादेश (जीआर-गवर्नमेंट रिजोल्यूशन) निकाले गए। इसके एक दिन पहले की बात करें तो, 21 जून, 2022 को 35 शासनादेश निकाले गए थे। इसके अनुसार जब महाविकास सरकार हिचकोले खा रही है तो राज्यसरकार ने 48 घंटे में 101 शासनादेश निकाले गये।
ये कैसे संकेत?
101 शासनादेश ऐसे संघर्षकाल में निकाले जाने के कई अर्थ हैं। जानकारों का कहना है कि, चलीचला की बेला में मंत्रियों ने अपनी सभी योजनाओं की फाइल को कानूनी रूप से पास करवा दिया। बुधवार सायंकाल को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने सरकारी निवास वर्षा को छोड़ने की घोषणा की। इसके कुछ देर बाद सरकारी आवास के बाहर शिवसैनिक इकट्ठा हो गए और घोषणाबाजी होने लगी। यह अपने आप में संकेत था कि, सरकार गोते खा रही है।