संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का आरोप झेल रहीं तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सांसद महुआ मोइत्रा (MP Mahua Moitra) ने संसद की आचार समिति (Ethics Committee) के सामने पेश होने के लिए कुछ समय की मांग की है। यहां बता दें कि आचार समिति ने उन्हें 31 अक्टूबर को उपस्थित होने को कहा था।
संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने के आरोप को लेकर इन दिनों सुर्खियों में चल रहे तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद ने संसद की आचार समिति के सामने पेश होने के लिए कुछ समय मांगा है। वह पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनी गई हैं। उन्होंने आचार समिति को पत्र लिखकर 31 अक्टूबर को उपस्थित होने में असमर्थता जताई है।
महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?
महुआ मोइत्रा ने कहा, ‘मैं 4 नवंबर को अपने पूर्व निर्धारित निर्वाचन क्षेत्र के कार्यक्रमों के पूरा होने के तुरंत बाद (संसद की आचार समिति के समक्ष) उपस्थित होने के लिए उत्सुक हूं।’ उन्होंने इसके पीछे भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी (BJP MP Ramesh Bidhuri) को कारण बताया, जिन्हें चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण पेश होने के लिए अधिक समय दिया गया था।
महुआ ने कहा कि उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे (MP Nishikant Dubey) और वकील जय अनंत देहाद्राई की शिकायतों के खिलाफ खुद का बचाव करने के लिए निष्पक्ष सुनवाई की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन समिति ने प्राकृतिक न्याय के आदेश के खिलाफ पहले शिकायतकर्ताओं को बुलाया और सुना।
एथिक्स कमेटी ने दर्ज किए भाजपा सांसद के बयान
एथिक्स कमेटी ने 26 अक्टूबर को ‘कैश फॉर क्वेरी’ (Cash For Query) मामले में वकील जय अनंत देहाद्राई और भाजपा नेता निशिकांत दुबे के बयान दर्ज किए थे। महुआ मोइत्रा ने उन पर फर्जी डिग्री का आरोप लगाया था। तो आप उन पर आरोप लगा रहे हैं? यह सवाल कमेटी ने दुबे से पूछा था। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ मोइत्रा ने पैसे और उपहार के बदले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी के हित में संसद में सवाल पूछे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे पत्र में दुबे ने कहा, ‘महुआ ने अब तक सदन में 61 प्रश्न पूछे हैं, जिनमें से 50 व्यवसायी के व्यवसाय से संबंधित हैं।’
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