Make in India: पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में ‘मेक इन इंडिया’ (Make in India) अभियान ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, देश में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पांच गुना बढ़ चुकी है, जबकि एक्सपोर्ट में छह गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्तमान में भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट 3.25 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गया है। वहीं मैन्युफैक्चरिंग का मूल्य 11 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 14 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस क्षेत्र में करीब 25 लाख लोगों को रोजगार मिला है, जो भारत के औद्योगिक विकास और रोजगार सृजन की दिशा में एक बड़ा संकेत है।
मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी
सबसे खास बात यह है कि अब भारत न केवल मैन्युफैक्चरिंग में अग्रणी बन रहा है, बल्कि इलेक्ट्रॉनिक्स डिजाइन कैपेबिलिटीज में भी उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। देश में अब टेलीकॉम नेटवर्क इक्विपमेंट्स, एआई आधारित कैमरा सिस्टम्स, ऑटोमोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स, मेडिकल डिवाइसेज़, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और सिग्नलिंग व सिक्योरिटी सिस्टम्स जैसे जटिल उत्पादों का डिजाइन और निर्माण स्थानीय स्तर पर हो रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण योजना (Electronics Component Manufacturing Scheme) को भी मंजूरी दी है। इस योजना के तहत भारत में इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को और गहराई मिलेगी।
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वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब
भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं, उत्पादों की गुणवत्ता और आईपी राइट्स के प्रति सम्मान को वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है। इसका लाभ देश के मैन्युफैक्चरर्स, डिजाइनर्स और युवा प्रतिभाओं को मिल रहा है, जो इस क्षेत्र में नई संभावनाओं की तलाश में हैं। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में यह उछाल न केवल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम है, बल्कि भारत को वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित करने में भी सहायक साबित हो रहा है।
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