भाजपाई मार खाएं, ममता गुहार लगाएं!

दूसरे चरण में तीस सीटों पर चुनाव संपन्न हुआ। लेकिन मतदान का दिनभर हिंसा और आरोप-प्रत्यारोप से भरा रहा।

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कभी ममता दीदी के लाडले रहे शुभेंदु अधिकारी अब नंदीग्राम में उन्हें ही टक्कर दे रहे हैं। शुभेंदु ठहरे राजनीतिक विरासत वाले परिवार के सदस्य तो दीदी सूबे की मुख्यमंत्री हैं। एक का घर है तो दूसरे की प्रतिष्ठा जिसके कारण दोनों ही हारना नहीं चाहते। इस परिस्थिति में अपने संसदीय क्षेत्र में घूम रहे शुभेंदु अधिकारी पर ही हमला हो गया तो दूसरी ओर दीदी ने महामहिम को फोन घुमा दिया।

पश्चिम बंगाल के इस चुनाव में साम-दाम-दंड-भेद सबका बराबर उपयोग हो रहा है। लोकसभा चुनाव में झटका खा चुकी ममता बनर्जी विधान सभा चुनाव जीतने में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती हैं। इसलिये जब टीएमसी छोड़कर ममता बनर्जी के सेनापति चले गए तो उन्होंने नंदीग्राम से अपने चुनाव लड़ने का निर्णय किया।

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दीदी-दादा के कैसे-कैसे प्रताप
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी दस वर्षों से मुख्यमंत्री हैं। नंदीग्राम में चुनाव के दिन ममता बनर्जी ने स्पीकर फोन पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को फोन किया। कैमरे के सामने स्पीकर फोन पर बात उन्होंने चुनावों में गड़बड़ी का आरोप लगाया और राज्यपाल से इसे रोकने के लिए कदम उठाने को कहा। इसके बाद ममता ने बताया कि, मैंने ऐसा बुरा चुनाव कभी नहीं देखा। जबकि, इतने वर्षों के मुख्यमंत्रित्व काल के बाद ममता बनर्जी का ऐसा बोलना आश्चर्य से कम नहीं है।
दूसरी तरफ ममता बनर्जी को टक्कर दे रहे शुभेंदु अधिकारी पर कुछ लोगों ने पत्थरों से हमला कर दिया। इसमें शुभेंदु तो बच गए लेकिन कुछ पत्रकार जरूर घायल हो गए। शुभेंदु ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर गुंडई का आरोप लगाया है।

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