कलकत्ता हाईकोर्ट में भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और सीपीआईएम की ओर से उम्मीदवारों के नाम कैंडिडेट्स की लिस्ट से गायब होने के बाबद दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते सीबीआई जांच का आदेश दिया। हाईकोर्ट में अपना फैसला देते जस्टिस अमृता सिन्हा ने पंचायत चुनाव की हिंसा पर नाराजगी जाहिर भी की। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में इतनी हिंसा देखी गई है। अगर ऐसा ही रक्तपात चलता रहा तो चुनाव को रोक देना चाहिए।
जस्टिस सिन्हा ने पंचायत चुनाव में इतने पैमाने पर हो रही हिंसा की घटनाओं को राज्य के लिए शर्म की बात कही। उन्होंने सरकार पर प्रश्न चिह्न खड़ा करते कहा कि राज्य में इतनी अव्यवस्था क्यों है? राज्य चुनाव आयोग क्या कर रहा है?
राज्य के भानगर क्षेत्र में हिंसा सबसे ज्यादा देखने को मिली थी। यहां इंडियन सेक्यूलर फ्रंट और मुख्यमंत्री ममता की पार्टी के कार्यकर्ता आपस में भिड़े थे। दोनों पार्टियों के प्रशंसकों ने एक दूसरे पर बम फेंके और गोलियों से हमला किया था। साथ ही कई वाहनों में आग भी लगा दी गई थी। राज्य के दक्षिण 24 परगना में नार्थ दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद और भानगर में हिंसा हुई थी। इन इलाकों में हिंसा में चार लोग मारे गए थे।
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