Manipur violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री (Manipur Chief Minister) एन बीरेन सिंह (N Biren Singh) ने 31 दिसंबर (मंगलवार) को राज्य में पिछले साल की स्थिति के लिए खेद जताया। उन्होंने कहा कि पूरा साल दुर्भाग्यपूर्ण रहा, लेकिन यह साल सकारात्मक रूप से समाप्त हो रहा है। उन्होंने 2025 में सामान्य स्थिति की उम्मीद जताई।
उन्होंने कहा, “ये पूरा साल बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। मुझे खेद है और मैं राज्य के लोगों से माफी मांगना चाहता हूं कि पिछले 3 मई से लेकर आज तक जो कुछ भी हो रहा है, उसके लिए कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया।”
VIDEO | Here’s what Manipur CM N Biren Singh (@NBirenSingh) said during a press conference in Imphal.
“This entire year has been very unfortunate. I want to say sorry to the people of the state for what’s happening till today since last May 3. Many people lost their loved ones.… pic.twitter.com/kzjTFjZycA
— Press Trust of India (@PTI_News) December 31, 2024
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राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल
उन्होंने आगे कहा, “कई लोगों ने अपना घर छोड़ दिया। मुझे वाकई खेद है। मैं माफी मांगना चाहता हूं…अब, मैं आशा करता हूं कि पिछले 3-4 महीनों की शांति की दिशा में प्रगति को देखने के बाद, मुझे उम्मीद है कि नए साल 2025 के साथ राज्य में सामान्य स्थिति और शांति बहाल हो जाएगी। मैं राज्य के सभी समुदायों से अपील करना चाहता हूं कि जो हुआ सो हुआ। हमें अब पिछली गलतियों को भूलना होगा और एक नई जिंदगी शुरू करनी होगी। एक शांतिपूर्ण मणिपुर, एक समृद्ध मणिपुर, हम सभी को एक साथ रहना चाहिए …”
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200 लोगों की मौत, 12,247 एफआईआर दर्ज: सीएम सिंह
इसके अलावा, उन्होंने कहा, “अब तक कुल मिलाकर लगभग 200 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 12,247 एफआईआर दर्ज की गई हैं और 625 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और लगभग 5,600 हथियार और विस्फोटकों सहित लगभग 35,000 गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। मुद्दों से निपटने में अच्छी प्रगति हुई है। केंद्र सरकार ने विस्थापित परिवारों की मदद के लिए पर्याप्त सुरक्षाकर्मी और पर्याप्त धन मुहैया कराया है और विस्थापित व्यक्तियों के लिए नए घर बनाने के लिए पर्याप्त धन मुहैया कराया है…”
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मणिपुर हिंसा
पूर्वोत्तर राज्य में पहली बार झड़पें 3 मई, 2023 को हुईं, जब मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ का आयोजन किया गया था। मणिपुर की आबादी में मैतेई की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी नागा और कुकी आबादी का 40 प्रतिशत हिस्सा हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और असम राइफल्स के करीब 10,000 जवानों को तैनात किया गया है।
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