प्रधानमंत्री ने देश की बेटियों के लिए कही मन की बात!

प्रधानमंत्री मोदी ने 27 फरवरी को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 86वीं कड़ी में देश को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने देश की बेटियों का भी जिक्र किया।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की महिलाओं के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने की सराहना करते हुए कहा कि बेटियां विभिन्न क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां प्राप्त कर मिथकों को तोड़ रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने 27 फरवरी को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 86वीं कड़ी को संबोधित करते हुये कहा कि पिछले सात वर्षों में देश में आयुर्वेद को बढ़ावा देने पर काफी ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय के गठन से चिकित्सा और स्वास्थ्य के हमारे पारंपरिक तरीकों को लोकप्रिय बनाने के देश के संकल्प को और मजबूती मिली है।

मन की खास बात
-28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने सी.वी. रमन के साथ तमाम वैज्ञानिकों को श्रद्धांजली दी और परिवारों से बच्चों में वैज्ञानिक स्वभाव विकसित करने के लिए छोटे-छोटे प्रयासों से शुरुआत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कैलकुलेटर कैसे काम करता है, रिमोट कंट्रोल कैसे काम करता है, सेंसर क्या होते हैं? इसके साथ ही क्या ऐसे वैज्ञानिक तत्वों की भी घर में चर्चा होती है? हो सकती है बड़े आराम से हम इन चीज़ों को घर की रोजमर्रा की ज़िन्दगी के पीछे क्या विज्ञान की वो कौन सी बात है जो ये कर रही है, इसको, समझा सकते हैं।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि आठ मार्च को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की बेटियां आज पुराने मिथकों को तोड़कर संसद से पंचायत तक, छोटे उद्योग से सशस्त्र बलों तक अलग-अलग कार्यक्षेत्रों में नई और बड़ी भूमिकाएं निभा रही हैं। गणतंत्र दिवस पर हमने देखा कि आधुनिक लड़ाकू विमान को भी बेटियां उड़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटा दिया है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि कैसे देश में आधे स्टार्ट-अप में महिलाएं निदेशक की भूमिका में हैं।

-उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश बढ़ाने जैसे निर्णय लिए गए हैं। बेटे और बेटियों को समान अधिकार देते हुए विवाह की उम्र समान करने के लिए देश प्रयास कर रहा है। इससे हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है। ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ की सफलता से देश में लिंग अनुपात सुधरा है। स्कूल जाने वाली बेटियों की संख्या में भी सुधार हुआ है।

-प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह, ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत देश में महिलाओं को खुले में शौच से मुक्ति मिली है। तीन तलाक जैसे सामाजिक बुराई का अंत भी हो रहा है। जब से तीन तलाक के खिलाफ कानून आया है देश में तीन तलाक के मामलों में 80 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि ये इतने सारे बदलाव इतने कम समय में कैसे हो रहे हैं ? ये परिवर्तन इसलिए आ रहा है क्योंकि हमारे देश में परिवर्तन और प्रगतिशील प्रयासों का नेतृत्व अब खुद महिलायें कर रही हैं।

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-प्रधानमंत्री ने भारतीय संस्कृति और विरासत के बारे में बात करते हुए सोशल मीडिया पर चर्चित तंजानिया के भाई-बहन किली और नीमा पॉल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दोनों भाई-बहन के अंदर भारतीय संगीत को लेकर एक जुनून और दीवानगी है और इसी वजह से वे काफी लोकप्रिय भी हैं। लिप-सिंकिंग के उनके तरीके से पता चलता है कि इसके लिए वे कितनी ज्यादा मेहनत करते हैं। हाल ही में गणतन्त्र दिवस के अवसर पर हमारा राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ गाते हुए उनका वीडियो खूब वायरल हुआ था। कुछ दिन पहले उन्होंने महान गायिका लता मंगेशकर का एक गाना गाकर उनको भी भावपूर्ण श्रद्धांजलि भी दी थी। कुछ दिन पहले तंजानिया में भारतीय दूतावास में इन्हें सम्मानित भी किया गया है। भारतीय संगीत का जादू ही कुछ ऐसा है, जो सबको मोह लेता है।

-प्रधानमंत्री मोदी ने याद किया कि कैसे कुछ वर्ष पहले दुनिया के डेढ़ सौ से ज्यादा देशों के गायकों-संगीतकारों ने अपने-अपने देश में, अपनी-अपनी वेशभूषा में महात्मा गांधी का प्रिय भजन, ‘वैष्णव जन’ गाने का सफल प्रयोग किया था। मोदी ने कहा कि जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है तो देशभक्ति गीतों के संबंध में इसी तरह की पहल की जा सकती है।

-प्रधानमंत्री ने भारत के देशभक्ति गीतों के गायन के लिये विख्यात विदेशी कलाकारों को आमंत्रित करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि तंजानिया में किलि और नीमा भारत के गीतों को इस प्रकार से लिप-सिंकिंग कर सकते हैं तो हमारे देश की कई भाषाओं में कई प्रकार के गीत हैं ऐसे में गुजराती बच्चे तमिल गीत पर, केरल के बच्चे असमिया गीत पर, कन्नड़ बच्चे जम्मू-कश्मीर के गीतों पर ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने जोर दिया कि एक ऐसा माहौल बना सकते हैं जिसमें लोग ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ का अनुभव कर सकें।

-उन्होंने युवाओं से विभिन्न भारतीय भाषाओं के लोकप्रिय गीतों के अपने-अपने तरीके से वीडियो बनाने का आग्रह किया।

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