प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 जनवरी को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में कहा भारत लोकतंत्र की जननी है। उन्होंने इसका उदाहरण भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय समाज स्वभाव से ही एक लोकतांत्रिक समाज है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश लोकतंत्र की जननी है। स्वभाव से ही हम एक लोकतांत्रिक समाज है। डॉ. अंबेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। आंबेडकर ने उसे ऐसी संस्था बताया था, जहां प्रस्ताव, संकल्प, कोरम, मतदान और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे।
भगवान बुद्ध को किया स्मरण
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्था से मिली होगी। तमिलनाडु में एक छोटा, लेकिन चर्चित गांव है उतिरमेसर। यहां ग्यारह सौ-बारह सौ साल पहले का एक शिलालेख दुनिया भर को अचंभित करता है। यह शिलालेख एक छोटे संविधान की तरह है। इसमें विस्तार से बताया गया है कि ग्राम सभा का संचालन कैसे होना चाहिए और उसके सदस्यों के चयन की प्रक्रिया क्या हो। हमारे देश के इतिहास में लोकतांत्रिक मूल्यों का एक और उदाहरण है 12वीं सदी के भगवान बसवेश्वर का अनुभव मंडपम। यहां मुक्त चर्चा और विमर्श को प्रोत्साहन दिया जाता था। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि यह राजा जॉन द्वारा दिए गए राजनीतिक अधिकारों के रॉयल चार्टर (माग्ना कार्टा) से भी पहले की बात है।