मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग ने एक बार फिर महाराष्ट्र (Maharashtra) के कई जिलों को सुलगा दिया है। बीड जिले में हालात सबसे खराब हैं। प्रदर्शनकारियों (Protestors) ने सोमवार को बीड (Beed) में दो विधायकों (MLAs के घरों में आग लगा दी, जबकि शरद पवार गुट के एनसीपी के कार्यालय को भी जला दिया। मामला बिगड़ता देख महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) ने देर रात बैठक की।
दरअसल, सोमवार को राज्य में आरक्षण के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने बीड के माजलगांव में विधायक प्रकाश सोलंके के घर और दफ्तर पर पथराव किया। यहां सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने दर्जनों बाइक और कारें भी फूंक दीं। वहीं, देर शाम बीड में एक और एनसीपी विधायक संदीप क्षीरसागर का घर भी जला दिया गया। प्रशासन ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है।
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शिवसेना के दो सांसदों ने इस्तीफा दे दिया
मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच शिवसेना के दो सांसद और एक भाजपा विधायक ने इस्तीफा दे दिया है। रविवार 29 अक्टूबर को हिंगोली सांसद हेमंत पाटिल और नासिक सांसद हेमंत गोडसे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपना इस्तीफा भेज दिया है। गेवराई विधानसभा क्षेत्र के विधायक लक्ष्मण पवार ने भी इस्तीफा दे दिया है। सभी ने आंदोलन के प्रति समर्थन जताते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़
उधर, माजलगांव में सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने नगर परिषद कार्यालय में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। कहा जा रहा है कि इसमें काफी नुकसान हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने जालना के बदनापुर तहसीलदार कार्यालय में जबरन ताला लगा दिया और महिला तहसीलदार को बाहर निकाल दिया। इतना ही नहीं, भू-अभिलेख, नगर पंचायत और पंचायत समिति कार्यालयों पर भी ताला लगा दिया गया।
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