महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन के मद्देनजर राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अध्यक्षता में 11सितंबर को सर्वदलीय बैठक (all party meeting) हुई। एक प्रेस कांफ्रेंस में सीएम शिंदे ने बताया कि मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। आरक्षण को लेकर मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) की भूख हड़ताल को देखते हुए यह बैठक रखी गई। हमें उनकी परवाह है। हमारा आग्रह है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बरकरार रहनी चाहिए।
जालना आंदोलन के आंदोलनकारियों पर दर्ज मामले होंगे वापस
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम शिंदे ने बताया कि जालना आंदोलन (Jalna agitators) में आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मामले (registered cases) तुरंत वापस (Return) किये जाएंगे। साथ ही राज्य सरकार ने उन सभी अपराधों को भी वापस लेने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की भूमिका पहले दिन से ही स्पष्ट थी कि किसी भी अन्य के आरक्षण कोटा को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय (Maratha community) को आरक्षण मिलना जाना चाहिए। . इसके लिए हम विशेषज्ञों से चर्चा, टास्क फोर्स का निर्माण, समर्पित आयोग, सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताई गई त्रुटियां आदि मुद्दों पर काम कर रहे हैं। ताकि हम जो निर्णय लें वह कानून के दायरे में रहना चाहिए।’ हम इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि मराठा समुदाय को किसी भी हालत में धोखा न मिले।
जालना हुआ था लाठीचार्ज
गौरतलब हो कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के कई जिलों में हुआ आंदोलन कई जगहों पर हिंसक हो गया था। जालना में तो पुलिस की ओर से लाठीचार्ज करने के बाद आंदोलन हिंसक हो गया था। पुलिस का लाठीचार्ज का मामला पूरे राज्य में काफी तूल पकड़ लिया था। हालांकि प्रशासन ने तुरंत जालना का आला अधिकारियों का तबादला कर दिया था।
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