Maratha Reservation: छगन भुजबल ने फिर किया मनोज जरंगे का विरोध, जानें क्या दिया बयान

भुजबल ने कहा कि 28 जनवरी के शाम पांच बजे उनके सरकारी आवास पर ओबीसी नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में दलित और आदिवासी नेता भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह बिना किसी पार्टी या संगठन को शामिल किए चर्चा करेंगे।

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Maratha Reservation: महाराष्ट्र (Maharashtra) के मंत्री छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) ने कहा कि भीड़ जुटाकर कोई भी नियम और कानून बदल नहीं सकता है। राज्य सरकार ने आज मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) को लेकर जो मसौदा पेश किया है, उस पर 16 फरवरी तक आपत्तियां मांगी गई हैं। इसके बाद यह सरकारी आदेश में तब्दील हो जाएगा। छगन भुजबल ने ओबीसी (OBC) और अन्य समुदायों के वकीलों और शिक्षित लोगों से लाखों की संख्या में आपत्तियां भेजने की अपील की है। छगन भुजबल ने 27 जनवरी को पत्रकारों को बताया कि राज्य सरकार द्वारा मराठा आरक्षण के लिए बनाए गए मसौदे का विभिन्न समाज के विद्वानों को अध्ययन कर आपत्तियां भेजनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को इस बात का एहसास होगा कि इस बारे में लोगों की अलग-अलग राय है। भुजबल ने यह भी कहा कि हम ऐसी आपत्तियां समता परिषद के माध्यम से भेजने पर भी विचार करने जा रहे हैं। छगन भुजबल ने कहा कि इस मसौदे में रिश्तेदारों की जो व्याख्या की गई है, वह कानून की कसौटी पर खरी नहीं उतरेगी। भुजबल ने कहा कि मराठा समाज ओबीसी के 17 फीसदी आरक्षण से खुश हो सकता है। लेकिन इस 17 फीसदी में ओबीसी समाज के 80-85 फीसदी लोग आ जाएंगे। इसलिए ईडब्ल्यूएस (EWS) के तहत 10 फीसदी आरक्षण मिल रहा था, वह अब मराठा समाज को नहीं मिलेगा। साथ ही ओपन में आरक्षण नहीं मिलेगा। इस तरह मराठा समाज ने 50 प्रतिशत आरक्षण का भी मौका खो दिया है।

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मराठों को धोखा दिया जा रहा है
यह कहकर कि ओबीसी आरक्षण में कोई झटका नहीं लगेगा, आप पिछले दरवाजे से प्रवेश कर रहे हैं। लेकिन इसकी वजह से आप 50 प्रतिशत अवसर गवां रहे हैं। छगन भुजबल ने कहा कि शपथ लेने से जाति नहीं बदली जा सकती, बल्कि जाति जन्म से मिलती है। इसलिए, यह कानून के खिलाफ होगा। अगर ये नियम दलितों और आदिवासियों पर लागू हो गए तो क्या होगा? उनमें भी सभी लोग प्रवेश करेंगे। भुजबल ने कहा कि दलित और आदिवासी समुदाय के नेता भी मुझसे पूछना चाहते हैं कि वे इस बारे में क्या सोचते हैं। क्या ये ओबीसी के साथ अन्याय हो रहा है, या मराठों को धोखा दिया जा रहा है? भुजबल ने यह भी कहा कि इसका अध्ययन करना होगा। भुजबल ने कहा कि समरी चार्ज वापस लेने के मुद्दे पर भी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे अपराध वापस ले लिए गए तो कोई भी घर जला देगा, पुलिसकर्मियों को मार देगा और इस नियम से बच जाएगा।

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मराठा समुदाय को सौ फीसदी मुफ्त शिक्षा
भुजबल ने कहा कि 28 जनवरी के शाम पांच बजे उनके सरकारी आवास पर ओबीसी नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में दलित और आदिवासी नेता भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह बिना किसी पार्टी या संगठन को शामिल किए चर्चा करेंगे। सभी मराठा समुदाय को सौ फीसदी मुफ्त शिक्षा देने की मांग स्वीकार नहीं की गई है। भुजबल ने सुझाव दिया कि अब सभी को मुफ्त शिक्षा दें, यहां तक कि ब्राह्मणों सहित अन्य सभी जातियों को भी।

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