महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा के बाद पिछले 17 दिनों से मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) की मांग को लेकर अनशन पर बैठे मनोज जारांगे (Manoj Jarange) ने अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी है। सीएम शिंदे ने जूस पिलाकर जारांगे का भूख हड़ताल खत्म कराया।
मांगों पर मिला आश्वासन
यद्यपि पिछले दिनों मराठा आरक्षण को लेकर मुंबई में हुई सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने मराठा आरक्षण की प्रक्रिया संवैधानिक नियमों के तहत शुरू करने की जानकारी दी थी। इस दौरान उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग को लेकर राज्य के कई जिलों में हुए हिंसक आंदोलन को लेकर प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने की भी घोषणा कर दी थी। इसके अलावा सरकार उन लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने पर भी सहमत हो गयी है, जिनकी वंशावली में कुनबी का उल्लेख है।
जारांगे ने की मुख्यमंत्री शिंदे की तारीफ
लेकिन मनोज जारांगे ने कहा था कि वे तब तक अपनी भूख हड़ताल (hunger strike) समाप्त नहीं करेंगे, जब तक मुख्यमंत्री खुद नहीं यहां आ जाते। 13 सितंबर को मुख्यमंत्री शिंदे ने जारांगे से मिलने के लिए अपना एक प्रतिनिधिमंडल भेजा था। लेकिन मनोज जारांगे ने 14 सितंबर को सीएम शिंदे से इस बाबत चर्चा करने के बाद ही अपनी भूख हड़ताल खत्म कर दी। इस दौरान मनोज जारांगे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तारीफ करते कहा कि महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण लागू करने का साहसिक निर्णय केवल एकनाथ शिंदे ले सकते हैं। बता दें कि मराठा आरक्षण पर फैसला लेने के लिए मनोज जारांगे ने राज्य सरकार को एक महीने का समय दिया हुआ है।
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