सुप्रीम कोर्ट द्वारा मराठा समाज के आरक्षण को स्थगित किए जाने के बाद से ही महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार में घबराहट फैल गई है। उसे आरक्षण को लेकर जुलाई 2018 के हिंसात्मक मराठा आंदोलन को दोहराए जाने का डर सताने लगा है। इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट में संवैधानिक पीठ के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखने के लिए नामी वकीलों की फौज तैयार की है। इस बीच मराठा समाज में आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार करने का प्रयास तेज हो गया है। इसके लिए नवी मुंबई में एक बैठक का आयोजन किया गया था, लेकिन इस बैठक में सांसद उदयनराजे के नदारद रहने से तरह-तरह की बातें कही जा रही हैं। हालांकि इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी के सांसद छत्रपति संभाजी राजे उपस्थित थे।
समाज में संभ्रम
इस महत्वपूर्ण बैठक में उदयनराजे की अनुपस्थिति को लेकर मराठा समाज में संभ्रम की स्थिति बनी हुई है। समाज के लोगों का कहना है कि जब मराठा समाज को उनके दिशा-निर्देश की जरुरत है तो वे पीठ दिखाकर लोगों का मनोबल तोड़ने का काम कर रहे हैं। दूसरी ओर इसके कई अन्य राजनैतिक अर्थ भी निकाले जा रहे हैं।
राज्यव्यापी सभा का आयोजन?
बताया जा रहा है कि अगले 15 दिनों में उदयनराजे खुद मराठा आंदोलन को दिशा देने क लिए एक सभा का आयोजन करनेवाले हैं। इसके लिए सातारा में समाज के लोगों का एक राज्यव्यापी सभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें संभाजीराजे के साथ ही शिवेंद्रराजे को भी न्योता दिए जाने की बात कही जा रही है।
सांसद संभाजीराजे का मंच पर बैठने से इनकार
इस बीच छत्रपति संभाजीराजे ने नवी मुंबई में मराठा आरक्षण को लेकर आयोजित बैठक में मंच पर बैठने से इनकार कर दिया। वे मंच के सामने लगी कुर्सी पर बैठ गए। उन्होंने इस बारे में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि वे अपने समाज के लोगों के साथ बैठना अपना सौभाग्य समझते हैं। उन्होंने कहा, “आप सबने राजे घराने के सम्मान के लिए मंच पर दो बड़ी कुर्सियां लगाई हैं, लेकिन मैं उसपर नहीं बैठूंगा। मैं अपने समाज के लोगों के साथ नीचे लगी कुर्सी पर बैठूंगा”। इस दौरान उन्होंने लोगों से अनुरोध करते हुए कहा कि वे उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था न करें। उन्होंने कहा, “मैं यहां इसलिए आया हूं क्योंकि समाज का हिस्सा हूं। जहां मान-सम्मान लेने की जरुरत होती है, वहां मैं आगे बढ़कर उसे खुद ग्रहण करने के लिए तैयार रहता हूं। मेरी जगह समाज से ऊपर नहीं है”।