Mayor Election: शराब घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की मुसीबतें कम नहीं हो रही हैं। आम आदमी पार्टी में बगावत की आग सुलगने लगी है।
दिल्ली नगर निगम में महापौर और उपमहापौर पद के लिए आपने आधिकारिक रूप से महेश खींची को महापौर और उपमहापौर पद पर रविंद्र भारद्वाज को प्रत्याशी को नामित किया गया है लेकिन आप पार्षद नरेंद्र कुमार और विजय कुमार ने बागी के तौर पर उपमापुर पद के लिए नामांकन कर दिया है। बीजेपी ने महापौर के लिए कृष्ण लाल और उप महापौर पद के लिए नीता बिष्ट को अपना प्रत्याशी बनाया है।
आप पार्टी के लिए बड़ा संकट
आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि अगले महीने दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। ऐसे में आप में बगावत होती है तो लोकसभा चुनाव पर इसका असर पड़ना तय है।
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5 पार्षदों ने दिखाए तेवर
महापौर पद का चुनाव 26 अप्रैल को होना है। ऐसे में चुनाव की तारीख से पहले ही नामांकन के दिन पांच पार्षद बागी हो गए। ये बागी इसलिए हो गए क्योंकि नरेंद्र कुमार के नामांकन पत्र पर आप पार्षद सुरेश कुमार और सुनील चड्ढा ने प्रस्तावक और अनुमोदन के तौर पर हस्ताक्षर किया। इसी तरह विजय कुमार के नामांकन पत्र पर आपके मदनपुर खादर ईस्ट से पार्षद प्रवीण कुमार प्रस्तावक और भाजपा के सुमन कुमारी ने अनुमोदन के तौर पर हस्ताक्षर किए हैं।
मुख्यमंत्री जेल में कैसे होगा चुनाव?
महापौर चुनाव के लिए अभी एक पेंच फंसा है। सबसे पहला पेंच चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी चुनने का है। हर वर्ष महापौर चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी उपराज्यपाल द्वारा चुना जाता है। इसमें निवर्तमान महापौर भी पीठासीन अधिकारी हो सकते हैं या फिर कोई अन्य पार्षद, क्योंकि मुख्यमंत्री जेल में हैं तो यह फाइल मुख्यमंत्री के पास कैसे जाएगी? यह एक बड़ा सवाल है। यह फाइल निगम से होते हुए दिल्ली सरकार में शहरी विकास सचिव, मुख्य सचिव और फिर शहरी विकास मंत्री के बाद मुख्यमंत्री के पास जाती है। हालांकि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद अभी तक महापौर चुनाव के लिए इजाजत नहीं मिली है।अगर मंजूरी नहीं आई तो चुनाव टल भी सकता है।