दिल्ली नगर निगम चुनाव के लिए 4 दिसंबर को वोट डाले गए। देश की राजधानी में इस बार काफी मतदाता वोट देने बूथों पर नहीं पहुंचे। इस कारण 2017 और 2014 से भी कम वोटिंग हुई।
दिल्ली नगर निगम का 22 नवंबर को एकीकरण होने के बाद पहली बार चुनाव कराया गया। 250 वार्डों में 1349 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने चुनाव मैदान में उतरे हैं।
फिलहाल इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी में कांटे की टक्कर दिख रही है। लेकिन अगर एमसीडी के इतिहास को देखें तो पता चलता है कि यहां भाजपा बीस रही है। लेकिन इस बार एक्जिट पोल के परिणाम बता रहे हैं कि रिजल्ट कुछ अलग हो सकता है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी को अधिक सीटें मिलती दिख रही हैं। एक्जिट पोल पर विश्वास करें तो इस बार एमसीडी में उसे बढ़त मिल सकती है और वह अपना मेयर बनाने में सफल हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो दिल्ली के इतिहास मे यह पहली बार होगा।
क्या कहते हैं एक्जिट पोल?
–टाइम्स नाउ-ईटीजी के एक्जिट पोल के अनुसार आम आदमी पार्टी को यहां 146-156 सीटें मिलेगी। भाजपा को 84-94 में तो कांग्रेस को मात्र 6-10 सीटें मिलेंगी।
-आजतक के एक्जिट पोल पर विश्वास करें तो आप को 250 में से 149-171 सीटें, भाजपा को 69-91 और कांग्रेस को 3-7 सीटें मिल सकती हैं।
न्यूज एक्स-जन के अनुसार आम आदमी पार्टी को 159-171 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 69-92 और कांग्रेस को मात्र 3-7 सीटें मिल सकती हैं।
-2019 के चुनाव में दिल्ली में 66.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। इससे पहले 2015 में 67.13 और 2020 में 22.59 प्रतिशत मतदान हुआ था।
कब कौन जीता?
1958 किसी को भी बहुमत नहीं
1962 कांग्रेस
1967- जनसंघ( भाजपा)
1972 जनसंघ( भाजपा)
1977 जनता पार्टी(भाजपा)
1983 कांग्रेस
1997 भाजपा
2002 कांग्रेस
2007 भाजपा
2012 भाजपा
2017 भाजपा