मराठा आरक्षण को लेकर दबाव झेल रही महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार अब एक नया ही रास्ता अपनाने पर विचार कर रही है। राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे उन सभी राज्यों को पत्र लिखेंगे, जिन राज्यों में आरक्षण को लेकर पेंच फंसा हुआ है। वे उनसे इस मुद्दे पर एक साथ आने का अनुरोध करेंगे। उसके बाद सभी मिलकर इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। यह निर्णय मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मंत्रिमंडल उपसमिति और वकीलों की बैठक में लिया गया है। सरकार के इस निर्णय से राजनीति हलकों में यह चर्चा होने लगी है कि आरक्षण के नाम पर ये राज्यों की गोलबंदी करने की रणनीति तो बनाई जा रही है।
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बैठक में ये थे शामिल
राज्य के सार्वजनिक निर्माण मंत्री और मराठा आरक्षण मुद्दे के मंत्रिमंडल की उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण की अध्यक्षता में 11 जनवरी को दिल्ली में नवीन महाराष्ट्र सदन में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में वरिष्ठ कानूनविद् मुकुल रोहतगी, परमजितसिंह पटवालिया, कपिल सिब्बल, अभिषेक सिंघवी, विजयसिंह थोरात आदि उपस्थित थे।
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25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बता दें कि मराठा आरक्षण मामले पर 25 जनवरी को सु्प्रीम कोर्ट में सुनवाई की जानी है। इसके मद्देनजर रणनीति बनाने के लिए यह बैठक आयोजित की गई थी। मराठा आरक्षण के मामले में केंद्र सरकार की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। बैठक में कानून के जानकारों ने बताया कि अगर केंद्र सरकार सहयोग करती है तो देश के सभी राज्यों में आरक्षण को लेकर चल रहे विवाद को सुलझाने में बड़ी मदद मिलेगी।