Mike Benz: PM मोदी को चुनाव हराना चाहती थी अमेरिकी सरकार? USAID की क्या थी भूमिका

पूर्व वरिष्ठ राजनयिक माइक बेंज ने फरवरी 2023 में द संडे गार्जियन को दिए एक साक्षात्कार में यह खुलासा किया।

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Mike Benz: यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (United States Agency for International Development) (USAID) 2019 के लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha elections) से पहले अमेरिकी विदेश विभाग के साथ मिलकर प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की छवि खराब करने में शामिल रही है।

पूर्व वरिष्ठ राजनयिक माइक बेंज ने फरवरी 2023 में द संडे गार्जियन को दिए एक साक्षात्कार में यह खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी एजेंसियों के अलावा, प्रभावशाली थिंक टैंक और सोशल मीडिया दिग्गज पीएम मोदी के खिलाफ इस अभियान में शामिल थे।

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माइक बेंज ने दावा किया, “अगर आप भारत में राजनीतिक सूचना के मुक्त प्रवाह में अमेरिकी तकनीकी प्लेटफार्मों के हस्तक्षेप के बारे में बात कर रहे हैं, तो यह मेरे विदेश विभाग में रहने से पहले ही शुरू हो गया था। 2018 के अंत/2019 की शुरुआत में, यूएस-यूके विदेश नीति प्रतिष्ठान ने मोदी की राजनीतिक सफलता को ऑनलाइन ‘गलत सूचना’ का परिणाम बताने के लिए एक अभियान शुरू किया।”

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उन्होंने आगे दवा किया की, “जब अमेरिकी विदेश नीति प्रतिष्ठान कहता है कि किसी विदेशी देश में “गलत सूचना का संकट” है, तो यह अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए एक संकेत है कि वे विदेश विभाग के ग्लोबल एंगेजमेंट सेंटर जैसी संस्थाओं या अटलांटिक काउंसिल के डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च लैब जैसे थिंक टैंक या काउंटर-गलत सूचना USAID फंडियों के साथ मिलकर उस विदेशी देश में “गलत सूचना” को सेंसर करें।”

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यूएसएआईडी क्या है?
आधिकारिक रूप से यूएसएआईडी (यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) विदेशी सहायता और विकास सहायता के प्रशासन के लिए जिम्मेदार अमेरिकी सरकार की एजेंसी है। 1961 में स्थापित, यूएसएआईडी वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास, लोकतांत्रिक शासन, स्वास्थ्य सुधार और आपदा राहत को बढ़ावा देने के लिए काम करता है। लेकिन पिछले दशकों में निरंतर देखा गया है की USAID के फंडिंग के सहारे अमेरिका अपना विदेश निति सधता है जो सत्ता परवर्तन में अहम भूमिका निभाती है। इसपर कई देशों में उग्रवाद को बढ़ावा देने के आरोप भी लगे हैं।

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