दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की शह पर ही उनके मंत्री ने हिन्दू विरोधी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों दिल्ली के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने हिन्दू देवी देवताओं की पूजा न करने की बात कही थी। इससे हिन्दू समाज आहत है। ऐसे में उन्हें पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बिधूड़ी ने 7 अक्टूबर को एक बयान जारी कर कहा कि आम आदमी पार्टी और उसके नेता अपनी सुविधा के लिए हिन्दू भावनाओं का लाभ उठाते हैं और जरूरत पड़ने पर हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने से भी बाज नहीं आते हैं।
अवसरवादी हैं केजरीवाल
बिधूड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अवसरवादी हैं और हिंदू धर्म के विरोध का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते। वह अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के भी कट्टर विरोधी रहे हैं। उनका यह दोहरा चरित्र रहा है कि वह अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का विरोध भी करते हैं लेकिन विधानसभा चुनावों से ठीक पहले पूरी केबिनेट के साथ भगवान श्रीराम के सामने दंडवत भी हो जाते हैं। उनके उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने तो यह सुझाव तक दे डाला था कि अयोध्या में श्रीराम भगवान का मंदिर नहीं बनना चाहिए और वहां यूनिवर्सिटी बनाई जानी चाहिए। अब उनका एक और मंत्री खुलेआम हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर रहा है। इसका सीधा मतलब यही है कि केजरीवाल ही अपने मंत्रियों को हिंदू देवी-देवताओं के प्रति अपशब्दों के लिए प्रेरित करते हैं।
गौतम ने किया हिंदू धर्म का अपमान
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भाजपा का यह मत रहा है कि हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। राजेंद्र गौतम खुलेआम सार्वजनिक रूप से हिंदू धर्म का अपमान करते नजर आते हैं और यह सिर्फ नैतिक और धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि कानूनी दृष्टि से भी घोर अपराध है। संविधान में सभी धर्मों को समान स्थान दिया गया है लेकिन दूसरे धर्म की निंदा करने की इजाजत नहीं दी जाती।
केजरीवाल का दोहरा चरित्र उजागर
बिधूड़ी ने आम आदमी पार्टी के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा है कि केजरीवाल कैबिनेट ने अयोध्या में जाकर राम मंदिर में पूजा की लेकिन इन्हीं के मंत्री ने लोगों को पूजा न करने के लिए उकसाने का काम किया है। इससे धार्मिक भावनाओं को न सिर्फ ठेस पहुंची है बल्कि लोगों में रोष है।