प्रधानमंत्री के पंजाब दौरे पर सुरक्षा में चूक को लेकर देश भर में चर्चा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के साथ ही सुरक्षा विषेषज्ञों की आलोचनाओं से घिरे प्रदेश के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी अब अपने ही नेताओं के बीच घिरते हुए दिख रहे हैं। हालांकि कई कांग्रेस नेता उनका बचाव भी कर रहे हैं, लेकिन कई नेताओं ने खुलकर आलोचना कर उनकी परेशानी बढ़ा दी है।
कांग्रेस के जिन नेताओं ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है, उनमें पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब से सांसद मनीष तिवारी जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं। पंजाब में जल्द ही होने वाले चुनाव को देखते हुए कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम की सुरक्षा को लेकर उठाए जा रहे सवाल पार्टी पर भारी पड़ सकते हैं।
सांसद मनीष तिवारी ने दिया जांच कराने का सुझाव
प्रदेश के पूर्व पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ के बाद पार्टी के दिग्गज नेता मनीष तिवारी ने भी इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पूरे मामले की जांच उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीस से कराने की मांग की है। मनीष तिवारी ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक का मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा है, “प्रधानमंत्री की सुरक्षा को लेकर संसद में एक कानून बना है, जिसे एसपीजी एक्ट कहा जाता है। 2019 में इस एक्ट में सुधा किया गया। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक एक गंभीर और संवेदनशील मामला है। इसे राजनीतिक फुटबॉल नहीं बनाना चाहिए। सही तथ्यों को सामने लाने के लिए उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से मामले की जांच कराई जानी चाहिए।”
ये भी पढ़ें – प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर ट्विटर वॉरः जानिये, किसने क्या कहा
सुनील जाखड़ भी की है आलोचना
इनसे पहले वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुनील जाखड़ ने 6 जनवरी को कहा था कि फिरोजपुर की रैली के लिए प्रधानमंत्री को सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा था, “जो हुआ वह अस्वीकार्य है। यह पंजाबियत के खिलाफ है। देश के प्रधानमंत्री को फिरोजपुर में भारतीय जनता पार्टी की रैली को संबोधित करने के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराया जाना चाहिए था। इसी तरह लोकतंत्र में काम किया जाता है।”
मुख्यमंत्री ने बताया ड्रामा
हालांकि मुख्यमंत्री चन्नी ने इसे प्रधानमंत्री की नौटंकी बताते हुए कहा है कि सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। उनकी जान को कोई खतरा नहीं था। यह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने के उद्देश्य से किया गया है।