रिटेल चेन कंपनियां अमेजॉन और फ्लिपकार्ट को महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना से पंगा भारी पड़ सकता है। मनसे ने इन कंपनियों को पहले ही ऑनलाइन ग्राहकों के लिए मराठी ऐप उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, लेकिन इन कंपनियों ने उसपर कोई ध्यान नहीं दिया। अब मनसे ने अमेजॉन के विरोध में आक्रामक रुख अपना लिया है। उसने ‘नो मराठी नो अमेजन’ मुहिम शुरू करने का ऐलान किया है।
अमेजन के ररुख से मनसे नाराज
मनसे ने इससे पहले भी अमेजॉन को ऑनलाइन ग्राहकों के लिए मराठी भाषा में भी ऐप उपलब्ध कराने की चेतावनी दी थी, लेकिन अमेजन ने उसे ज्यादा गंभीरता से न लेते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इससे नाराज मनसे नेताओं ने कंपनी के खिलाफ मुहिम शुरू कर दी है। पार्टी नेताओं ने चेतावनी देते हुए कहा है कि तुम्हारी डिलिवरी, तुम्हारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा है कि महाराष्ट्र में व्यापार करना और मराठी का सम्मान नहीं करना उन्हें बर्दाश्त नहीं है।
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करोड़ों की कमाई
मनसे का कहना है कि महाराष्ट्र में मराठी जनता अमेजॉन से करोड़ों रुपए की खरीदारी करती है। हमने उससे उनके लिए मराठी में ऐप उपलब्ध कराने का आग्रह किया था, लेकिन अभी तक कंपनी ने यह ऐप नहीं उपलब्ध कराया है, उल्टा वह इस मामले को लेकर कोर्ट में गई है। दूसरी ओर कंपनी का तर्क है कि देश में ऐसा कोई कानून नहीं है। इसलिए हमने कोर्ट से न्याय की मांग की है।
मनसे पदाधिकारियों पर झूठे आरोप लगाने का दावा
मनविसे उपाध्यक्ष अखिल चित्रे ने कहा है कि अमेजॉन के ओनर ने पत्र लिखकर इस बारे में खेद व्यक्त किया था, उसके बाद भी कंपनी ने मराठी में ऐप उपलब्ध नहीं कराया, उल्टा मनसे के पदाधिकारियों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए। उन्होंने कंपनी के इस रुख पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अमेजॉन को लगता है कि मामला कोर्ट में होने के कारण मनसे अधिकारी उनके ऑफिस मे नहीं आ पाएंगे। इसलिए हमने ये कदम उठाया है। उन्होंने इस मुहिम में जनता से सहयोग देने की अपील की है।