मदरसे ले रहे थे दोहरा लाभ, केंद्र सरकार ने लिया छात्रवृत्ति पर बड़ा निर्णय

उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष तक 16,558 मदरसों के 5 लाख बच्चों को छात्रवृत्ति दी जाती थी।

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने मदरसों की छात्रवृत्ति बंद कर दी है। इससे मदरसे के नाम पर जारी तुष्टीकरण की नीति पर लगाम लग गई है। सरकार के इस निर्णय से उत्तर प्रदेश के मदरसों में पढ़नेवाले कक्षा 1 से कक्षा 8 तक छात्रों को छात्रवृत्ति नहीं मिलेगी।

उत्तर प्रदेश में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत पढ़ाई नि:शुल्क है। इसमें छात्रों को शिक्षा के साथ मध्यान्ह भोजन और कॉपी किताब भी दिया जाता है। लेकिन पूर्ववर्ती सरकारें अपनी मुस्लिम तुष्टीकरण नीति के अंतर्गत इन मदरसे के छात्रों को छात्रवृत्ति भी दे रही थीं। यानी नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त करनेवाले छात्रों को छात्रवृत्ति भी मिल रही थी। जो अब केंद्र सरकार के आदेश के बाद बंद हो गई है। हालांकि, कक्षा 9 और कक्षा 10 के छात्रों को छात्रवृत्ति मिलती रहेगी। यह छात्र नि:शुल्क शिक्षा की परिधि से बाहर हैं।

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छात्रवृत्ति संचालक ही कर जाते थे हजम
अखिल भारतीय पसमांदा मुस्लिम मंच के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष जावेद मलिक ने पांचजन्य को दी गई प्रतिक्रिया में कहा है कि, केंद्र सरकार का यह कदम उचित है। छात्रवृत्ति के नाम पर मिलनेवाले पैसे मदरसा के संचालक ही खा जाते थे। मदरसों में भी सरकार की नीति के अनुरूप कक्षा 1 से 8 तक शिक्षा मुफ्त है। सरकार के इस निर्णय का छात्रों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। क्योंकि, प्रभाव तब पड़ेगा जब छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई हो।

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