अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान गुरुवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व्हाइट हाउस पहुंचे, जहां उनका खासे उत्साह के साथ स्वागत किया गया। पीएम मोदी के लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि व्हाइट हाउस में यह शानदार स्वागत समारोह एक प्रकार से भारत के 140 करोड़ देशवासियों का सम्मान है। ये सम्मान अमेरिका में रहने वाले 4 मिलियन से अधिक भारतीय लोगों का भी सम्मान है।
व्हाइट हाउस में पहली बार आए इतने भारतीय
पीएम मोदी ने कहा कि मैं सबसे पहले राष्ट्रपति बाइडेन के मित्रतापूर्ण स्वागत और उनके संबोधन के लिए उनका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। पीएम बनने के बाद मैं कई बार व्हाइट हाउस गया हूं। यह पहली बार है जब व्हाइट हाउस के दरवाजे इतनी बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए खोले गए हैं। भारतीय समुदाय के लोग अपने टैलेंट से अमेरिका में भारत की शान बढ़ा रहे हैं। आप सब हमारे संबंधों की असली ताकत हैं। उन्होंने कहा कि विश्व व्यवस्था एक नया आकार ले रही है। इस कालखंड में भारत और अमेरिका की दोस्ती पूरी दुनिया की ताकत को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगी। दोनों देश वैश्विक शांति, स्थिरता और समृद्धता के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
21वीं सदी में सबसे खास है भारत-अमेरिका संबंध
स्वागत में भाषण देते राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि प्रधानमंत्री आपका फिर से स्वागत है। मैंने हमेशा विश्वास किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच यह रिश्ता 21वीं सदी के सबसे अहम संबंधों से एक है। हमारे संविधान के पहले शब्द यही है कि हम, देश के नागरिक, हमारे लोगों के बीच स्थाई संबंध और साझे मूल्य और वर्तमान के मुद्दों से निपटने के लिए वैश्विक नेताओं के रूप में हमारी साझी जिम्मेदारी है। मैं सम्मानित हूं कि लगभग 15 वर्षों में पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका भारत गणराज्य के लिए एक आधिकारिक राजकीय यात्रा की मेजबानी कर रहा है।
बाइडेन ने कहा कि आपके सहयोग से, हमने स्वतंत्र, खुले, सुरक्षित और समृद्ध इंडो-पैसिफिक के लिए क्वाड को मजबूत किया है। अब से दशकों बाद, लोग पीछे मुड़कर देखेंगे और कहेंगे कि क्वाड ने वैश्विक भलाई के लिए इतिहास की दिशा को मोड़ दिया। कानून के तहत समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धार्मिक बहुलवाद, हमारे लोगों की विविधता यह मूल्य सिद्धांत दृढ हैं और विकसित हुए हैं।
इस दौरान अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के अलावा विदेश मंत्री एस जयशंकर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल एनएसए अजीत डोभाल, विदेश सचिव विनय क्वात्रा और अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत संधू भी मौजूद थे।
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