महाराष्ट्र की राजनीति हमेशा से दिल्ली के राजनीतिज्ञों को आकर्षित करती रही है। चाहे सरकार किसी की भी क्यों न हो, उसके नेताओं का ध्यान महाराष्ट्र पर केंद्रित रहता है। अगले वर्ष देश की सबसे बड़ी महानगरपालिका मुंबई का चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में उनकी निगाहें इस चुनाव पर लगी हैं।
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि सभी पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के नागरिकों को मराठी में आषाढ़ी एकादशी की शुभकामनाएं देते हैं तो इसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वारकरी परंपरा को ‘आंदोलन’ बताया है और सामाजिक स्तर पर वारकरी बंधुओं के महत्व को रेखांकित किया है,’आप सभी को आषाढ़ी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, हम विट्ठल के चरणों में प्रार्थना करें कि सभी को आनंद और अच्छे स्वास्थ्य की प्राप्ति हो। वारकरी आंदोलन हमारी महान परंपरा का उदाहरण है और समानता और एकता पर जोर देता है।’ बता दें कि वारकरी संप्रदाय राज्य का सबसे बड़ा संप्रदाय है। इस समाज का राजनीतिक महत्व पहले भी कई बार सिद्ध हो चुका है। यह पंथ महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों से लेकर मुंबई जैसे शहरों तक फैला हुआ है, इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र को एकादशी की शुभकामनाएं देते हुए वारकरी बंधुओं का जिक्र किया है।
आषाढी एकादशीच्या पवित्र दिवशी माझ्या सर्वांना शुभेच्छा. सर्वांना उदंड आनंद आणि चांगले आरोग्य लाभू दे अशी विठ्ठल चरणी प्रार्थना करूया.
वारकरी चळवळ ही आपल्या उत्कृष्ट परंपरेचं उदाहरण असून समानता आणि एकता यावर भर देणारी आहे— Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2021
शाह ने भी दी शुभकामनाएं
गृह मंत्री अमित शाह ने भी अभंग की कविताओं के साथ मराठी भाषा में एकादशी की शुभकामनाएं दीं। आषाढ़ी एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं।
बोलावा विठ्ठल पहावा विठ्ठल।
करावा विठ्ठल जीवभाव॥टाळ-मृदंगाच्या गजरात विठ्ठलभक्तांची पायी वारी व संत संप्रदायाच्या शिकवणीचा महान वारसा असलेली वारकरी परंपरा अशीच वृद्धिंगत होत राहो या सदिच्छेसह सर्वांना आषाढी एकादशीच्या शुभेच्छा.
बोला पुंडलिकवरदा हरी विठ्ठल…श्री ज्ञानदेव तुकाराम— Amit Shah (@AmitShah) July 20, 2021
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दिल जीतने की कोशिश
‘वारी’ न केवल वारकरी बंधुओं के लिए बल्कि मराठी भाषियों के लिए भी एक भावनात्मक विषय है। इसलिए अब इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने मराठी में आषाढ़ी एकादशी की बधाई देकर मराठियों के दिल क जीतने की कोशिश की है?
बीएमसी चुनाव की तैयारी
बीएमसी चुनाव में शिवसेना एक बार फिर मराठी कार्ड खेलेगी। कांग्रेस ने भी मुंबई अध्यक्ष के तौर पर एक मराठी चेहरे को लाकर इसकी तैयारी की शुरुआत कर दी है। मनसे के पास पहले से ही कई मराठी चेहरे हैं तो भाजपा को भी मराठी भाषियों के करीब आने की कोशिश करनी होगी। क्या मोदी-शाह की मराठी भाषा में एकादशी की शुभकामनाएं उसका ही एक हिस्सा है? महाराष्ट्र की राजनीति में इस तरह की चर्चा है।