Monsoon Rains: अमित शाह ने बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा की, अगले 3 दिनों में मानसून के इन राज्यों में पहुंचने की संभावना

नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में आयोजित बैठक में केंद्रीय जय शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सहित प्रमुख अधिकारियों और मंत्रियों ने भाग लिया।

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Monsoon Rains: केंद्रीय गृह मंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने 23 जून (रविवार) को बाढ़ के प्रबंधन में देश की तैयारियों का मूल्यांकन (Evaluation of preparedness) करने के लिए एक व्यापक समीक्षा बैठक की, जो हर साल मानसून (Monsoon) के मौसम में कई राज्यों में कहर बरपाती है।

नॉर्थ ब्लॉक में गृह मंत्रालय में आयोजित बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी आर पाटिल और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय सहित प्रमुख अधिकारियों और मंत्रियों ने भाग लिया। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, “गृह मंत्री ने यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और देश में बाढ़ प्रबंधन के लिए समग्र तैयारियों की समीक्षा की।”

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बुनियादी ढाँचे को काफ़ी नुकसान
चर्चा में विभिन्न राज्यों, विशेष रूप से असम में वर्तमान बाढ़ की स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहाँ हाल ही में आई बाढ़ ने कई जिलों में लाखों लोगों को प्रभावित किया है। राज्य बढ़ते पानी से जूझ रहा है, जिसने गाँवों और कृषि भूमि के विशाल क्षेत्रों को जलमग्न कर दिया है। बाढ़ के कारण बुनियादी ढाँचे को काफ़ी नुकसान पहुँचा है और लोगों की जान चली गई है।

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मानसून के दौरान भारी बारिश
असम के अलावा, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और सिक्किम जैसे राज्य भी मानसून के दौरान भारी बारिश से होने वाले भूस्खलन जैसी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ये घटनाएँ प्राकृतिक आपदाओं की विविधतापूर्ण और जटिल प्रकृति को उजागर करती हैं, जिनका सामना भारत हर साल करता है।

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त्रिपुरा में मचाई तबाही 
बैठक में चक्रवात रेमल के बाद की स्थिति पर भी चर्चा की गई, जिसने हाल ही में त्रिपुरा में तबाही मचाई और असम और पड़ोसी क्षेत्रों में बाढ़ को और बढ़ा दिया। चक्रवात का प्रभाव मज़बूत आपदा प्रबंधन रणनीतियों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है, खासकर जब जलवायु परिवर्तन पूरे उपमहाद्वीप में चरम मौसम की घटनाओं को बढ़ाता है।

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समन्वित प्रयासों का महत्व
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तैयारियों और प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाने के लिए विभिन्न मंत्रालयों और एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। सरकार का लक्ष्य सक्रिय उपायों और समय पर हस्तक्षेप के माध्यम से बाढ़ से होने वाले जान-माल के नुकसान को कम करना है। चर्चा किए गए अगले कदमों में बुनियादी ढांचे की लचीलापन को मजबूत करना, प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों में सुधार करना और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) जैसी आपदा प्रतिक्रिया टीमों की क्षमता बढ़ाना शामिल है। ये पहल देश भर में प्राकृतिक आपदाओं के प्रभाव को कम करने और कमजोर समुदायों की सुरक्षा के लिए एक व्यापक रणनीति का हिस्सा हैं।

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