इस्लामिक कट्टरपंथियों पर शिकंजा कसने के लिए फ्रांस के निचले सदन में एक नया बिल पेश किया गया। 16 फरवरी को पेश किया गया बिल अगर कानून बन जाता है तो मस्जिदों के साथ ही मदरसों पर भी सरकारी दखलंदाजी बढ़ जाएगी। इसके साथ ही कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने के लिए बहु विवाह और जबरन शादी पर भी रोक लगाई जा सकेगी।
2019 में सिर काटकर कर दी गई थी शिक्षक की हत्या
पिछले वर्ष अक्टूबर में एक शिक्षक की सिर काटकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद सरकार ने कट्टरपंथियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। यब बिल भी कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने की दिशा में हाल के वर्षों में किए गए प्रयासों में शामिल है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने कहा है कि लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता जैसे फ्रांसीसी मूल्यो की रक्षा किया जाना आवश्यक है।
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क्या कहते हैं मुसलमान?
फ्रांस के मुसलमानों का कहना है कि मसौदा कानून न सिर्फ उनकी धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करेगी, बल्कि उन्हें इसके माध्यम से निशाना भी बनाया जाएगा। उनका कहना है कि फ्रांस के पास आतंकवाद से लड़ने के लिए पहले से ही पर्याप्त कानून हैं, इसलिए नया कानून बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है।
क्या कहते हैं आलोचक?
आलोचको का कहना है कि अगले साल होनेवाले राष्ट्रपति चुनावों के मद्देनजर इस बिल को लाया जा रहा है। यह रुढ़िवादी और अति-दक्षिणपंथी मतदाताओं को रिझाने की कोशिश है। चूंकि नेशनल असेंबली में मैक्रो की पार्टी का बहुमत है, इसलिए यह बिल आसानी से पारित हो जाएगा। साथ ही सीनेट से भी इसके पास होने की उम्मीद है।