देश में बहुप्रतीक्षित नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन (एनआरआईसी) के निर्माण में कितना कार्य हुआ है, इस विषय में केंद्र सरकार ने संसद में जानकारी दी है। इस विषय में गृहराज्य मंत्री ने संसद को सूचित किया है, उन्होंने बताया कि सरकार ने इस विषय में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
बता दें कि, एनआरआईसी एक आधिकारिक दस्तावेज है, जिसमें उन लोगों का पंजीकरण होता है, जो भारतीय नागरिक हैं। इसमें भारतीय नागरिक होने की शर्तें पूर्ण करनेवाले लोगों की सांख्यिक जानकारी होती है। देश में पहली बार 1951 की जनगणना के बाद एनआरआईसी रजिस्टर बनाया गया था। इसके बाद यह नहीं हुआ। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने एनआरआईसी पर कार्य करने की बात की थी, उसके पहले संशोधित नागरिकता कानून लागू किया गया, इसे लेकर एक विशेष समुदाय के लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया।
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न्यायालय के आदेश पर असम में बना एनआरआईसी
असम में बांग्लादेशी घुसपैठियों का पता लगाकर उन्हें वापस भेजने के लिए असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ इंडियन सिटिजन बना था। यह असम के जनजातीय समूह और मूल जनसंख्या की रक्षा के लिए किया गया था।