कांग्रेस ने राज्य की भाजपा सरकार पर षड्यंत्र रचकर पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण खत्म करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने राज्य सरकार से ओबोसी आरक्षण पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करते हुए सदन में ओबीसी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजने की बात कही है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में 11 मई को पूर्व मंत्री एवं विधायक सज्जन वर्मा, पीसी शर्मा और कमलेश्वर पटेल ने संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान पूर्व मंत्री पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। चौहान सरकार पहले ही नौकरियों और शिक्षा में कमलनाथ सरकार के समय दिए गए आरक्षण को अदालतों में कमजोर पैरवी करके धीरे-धीरे खत्म करती जा रही है। वही तरीका पंचायत चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने के लिए अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ओबीसी आरक्षण पर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए और सदन में ओबीसी आरक्षण के लिए संविधान संशोधन का प्रस्ताव पारित कर केंद्र को भेजे।
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कांग्रेस का आरोप
पटेल ने कहा कि मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने इस विषय में लगातार सर्वोच्च न्यायालय में अन्य पिछड़ा वर्ग का पक्ष सही तरीके से नहीं रखा और जानबूझकर असंगत आंकड़े पेश करके ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी कि कोर्ट से इस तरह का फैसला आए। अब एक बार फिर से नया शिगूफा छोड़ते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्य प्रदेश सरकार सर्वोच्च न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी। यह बहुत साफ है कि सरकार सिर्फ अपना दामन बचाने के लिए पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का ढोंग कर रही है।
कांग्रेस कर रही है विचार
पूर्व मंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पुनर्विचार याचिका के दाखिल होने और उस पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने का इंतजार करेगी। कांग्रेस पार्टी अपनी तरफ से हर उस संभावना पर विचार कर रही है कि किस तरह ओबीसी वर्ग को पंचायत और निकाय चुनाव में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सके। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी को इस बात का अंदेशा है कि भाजपा और आरएसएस इसी तरह का षड्यंत्र रच कर आगे चलकर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण भी खत्म कर देंगे, इसकी साजिश भी रच सकते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी बाबा साहब अंबेडकर के बनाए संविधान में देश के दलित आदिवासी और पिछड़ा वर्ग को दिए गए आरक्षण को बचाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करने के लिए तैयार है।