पूरे देश में कॉलर वाली बाघिन के नाम से मशहूर पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन टी-15 जब तक जीवित रही, वन्यजीव प्रेमियों को लुभाती रही। उसकी मौत से देश और प्रदेश के हर उस व्यक्ति को धक्का लगा था, जो उसे जानता था। कॉलर वाली बाघिन की मौत ने न सिर्फ पर्यावरण प्रेमियों को झकझोरा, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी प्रभावित किया। यही वजह रही कि प्रधानमंत्री मोदी 30 जनवरी को प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में कॉलर वाली बाघिन का जिक्र करने से खुद को रोक नहीं सके।
बाघिन की मृत्यु पर लोग हो गए भावुक
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 30 जनवरी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति से प्रेम और करूणा ये हमारी संस्कृति भी है और सहज स्वभाव भी है। हमारे इन्हीं संस्कारों की झलक अभी हाल ही में तब दिखी, जब मध्यप्रदेश के पेंच टाईगर रिजर्व में एक बाघिन ने दुनिया को अलविदा कह दिया। इस बाघिन को लोग कॉलर वाली बाघिन कहते थे। वन विभाग ने इसे टी 15 नाम दिया था। इस बाघिन की मृत्यु ने लोगों को इतना भावुक कर दिया, जैसे उनका कोई अपना दुनिया छोड़ गया हो लोगों ने बाकायदा उसका अंतिम संस्कार किया, उसे पूरे सम्मान और स्नेह के साथ विदाई दी।
दी गई भावुक विदाई
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आपने भी ये तस्वीरें सोशल मीडिया में जरूर देखी होंगी। पूरी दुनिया में प्रकृति और जीवों के लिए हम भारतीयों के इस प्यार की खूब सराहना की गई। कॉलर वाली बाघिन ने अपने जीवनकाल में 29 शावकों को जन्म दिया और 25 को पाल पोस कर बड़ा भी किया। हमने टी15 के इस जीवन को भी सेलीब्रेट किया और जब उसने दुनिया छोड़ी तो उसे भावुक विदाई भी दी। यही तो भारत के लोगों को खूबी है। हम हर चैतन्य जीव से प्रेम का संबंध बना लेते हैं।