MUDA Scam: कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और 9 अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज, जानें क्या है मामला

यह शिकायत मैसूर के विजयनगर पुलिस स्टेशन में सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने पार्वती, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू के खिलाफ दर्ज कराई है, जो विवादित जमीन के कथित मालिक हैं।

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MUDA Scam: कर्नाटक के मुख्यमंत्री (Karnataka CM ) सिद्धारमैया (Siddaramaiah) की पत्नी पार्वती और दो अन्य के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (Mysore Urban Development Authority) (MUDA) घोटाले के सिलसिले में पुलिस में शिकायत दर्ज (Complaint lodged) कराई गई है।

यह शिकायत मैसूर के विजयनगर पुलिस स्टेशन में सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने पार्वती, उनके रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू के खिलाफ दर्ज कराई है, जो विवादित जमीन के कथित मालिक हैं।

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MUDA के एक फैसले की लाभार्थी
भूमि आवंटन विवाद इस वजह से सुर्खियों में है क्योंकि कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की पत्नी 2021 में भाजपा के कार्यकाल के दौरान MUDA के एक फैसले की लाभार्थी थीं, जिसमें उनकी 3.16 एकड़ जमीन के कथित अवैध अधिग्रहण के मुआवजे के रूप में 38,284 वर्ग फीट जमीन आवंटित की गई थी – जो 14 प्रमुख आवास स्थलों के बराबर है। हालांकि पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है, लेकिन एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि चूंकि शिकायत सिविल प्रकृति की है, इसलिए उन्होंने शहरी विकास विभाग के आयुक्त को पत्र भेजा है, क्योंकि जांच पहले से ही चल रही है।

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क्या है शिकायत?
कृष्णा द्वारा दर्ज की गई शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि पार्वती, स्वामी और देवराजू ने MUDA से जुड़े करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाए। शिकायत में, कृष्णा ने यह भी आरोप लगाया है कि मैसूरु में पार्वती को 14 प्रमुख आवासीय स्थल आवंटित करने में तत्कालीन मैसूरु जिला आयुक्त, तहसीलदार, उप रजिस्ट्रार, MUDA आयुक्त और अन्य सरकारी अधिकारी शामिल थे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल, मुख्य सचिव और राजस्व विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखा गया है। कर्नाटक में भाजपा ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है, जबकि गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि सीबीआई जांच या जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “किसी भी बात को छुपाने का सवाल ही नहीं उठता और मुख्यमंत्री ने खुद स्पष्टीकरण जारी किया है। एसआईटी जैसी किसी जांच की जरूरत नहीं है।”

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एचडी कुमारस्वामी ने उठाए सवाल
उनका यह बयान केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एचडी कुमारस्वामी के उस आरोप के बाद आया है जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार कथित अनियमितताओं को छिपाने की कोशिश कर रही है। कुमारस्वामी ने कहा था, “शहरी विकास मंत्री बयरती सुरेश ने कहा था कि कोई घोटाला या अनियमितता नहीं हुई है। ऐसे में डिप्टी कमीशन समेत वरिष्ठ अधिकारियों का अचानक तबादला क्यों किया गया? सुरेश फाइलें और दस्तावेज लाने के लिए विशेष हेलीकॉप्टर से मैसूर क्यों गए थे?”

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जमीन पर अतिक्रमण
विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक आर अशोक ने भी सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि MUDA ने मुख्यमंत्री को उच्च मूल्य वाली जमीन आवंटित करने में अनुचित पक्षपात किया है। पिछले सप्ताह सिद्धारमैया ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल राजनीति से प्रेरित है और किसी तथ्य पर आधारित नहीं है। उन्होंने कहा, “भाजपा की कार्रवाई पूरी तरह से आरएसएस के निर्देशों से प्रेरित है। क्या हमें यह सवाल नहीं करना चाहिए कि क्या MUDA हमारी 3.16 एकड़ जमीन पर प्लॉट बनाकर उन्हें वितरित कर रहा है? यदि ऐसा है, तो उन्हें जमीन का मूल्य बताना चाहिए, जो अनुमानित 60 करोड़ रुपये है। उन्होंने बैठक में यह भी स्वीकार किया है कि हमारी जमीन पर अतिक्रमण किया गया है। इसके विकल्प के रूप में, 50:50 अनुपात में प्लॉट आवंटित किए गए हैं, जिस पर हम सहमत हैं। हमने भूमि आवंटन के लिए कोई विशेष स्थान निर्दिष्ट नहीं किया है।”

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