पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को मनचाही सफलता न मिलने और सरकार से बाहर रहने के बाद यहां पार्टी के कई नेताओं के साथ ही विधायकों में भी निराशा होने की बात कही जा रही है। इस वजह से टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हुई पूर्व विधायक सोनाली गुहा समेत कई नेता दीदी को सॉरी बोलकर घर वापसी कर चुके हैं। इस स्थिति में भाजपा विधायक और पार्टी के उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के भी पार्टी छोड़ने की चर्चा चरम पर है।
इस चर्चा को बल मिलने के दो कारण हैंः
पहला– मुकुल रॉय की पत्नी कृष्णा के कोरोना संक्रमित होने के टीएमसी सांसद ममता और सीएम ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने 2 जून को अस्पताल पहुंचकर उनसे मुलाकात की थी। वे 10 मिनट तक अस्पताल में रुके भी थे। उस वक्त मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्शू भी उपस्थित थे। बता दें कि कृष्णा 11 मई से ही कोलकाता के एक निजी अस्ताल में भर्ती हैं।
दूसरा– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जून को मुकुल रॉय को फोन कर उनकी पत्नी के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की।
इन दो घटनाक्रम ने बंगाल से दिल्ली की गली तक गरमी पैदा कर दी है। कहा जा रहा है कि पीएम ने यह फोन उन्हें मनाने के लिए किया था।
मुकुल रॉय के बेटे ने बताया
मुकुल रॉय के बेटे शुभ्रांग्शू ने बताया कि पीएम ने 3 जून की सुबह 10.30 बजे मेरे पिता को फोन किया था और उन्होंने मेरी मां के स्वास्थ्य के बारे में पूछा था। बता दें कि मुकुल रॉय 2017 में टीएमसी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। 2020 में उन्हें भाजपा का उपाध्यक्ष बनाया गया था। रॉय के बाद उनके बेटे शुभ्रांग्शू ने भी मई 2019 में भाजपा का दामन थाम लिया था। बता दें कि मुकुल रॉय नारदा स्टिंग ऑपरेशन में आरोपी हैं और हाल ही में सीबीआई ने इस मामले में टीएमसी के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था
ये भी एक बड़ा कारण
टीएमसी के पूर्व विधायक शुभ्रांग्शू ने हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि लोगों के समर्थन से सत्ता में आई सरकार की आलोचना करने से पहले लोगों को आत्ममंथन करना चाहिए। इस पोस्ट को भाजपा पर हमला बताया जा रहा है। हालांकि प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस तरह की शंका को निराधार बताते हुए कहा है कि यह शुभ्रांग्शू की निजी राय है।
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मुकुल रॉय जीते,शुभ्रांग्शू हारे
हाल ही में बंगाल में हुए चुनाव में मुकुल रॉय ने नदिया जिले के कृष्णानगर उत्तर सीट से जीत प्राप्त की है। जबकि नॉर्थ परगना जिले में उनके बेटे को बीजापुर सीट से हार का सामना करना पड़ा है।
पहले भी हुई थी पार्टी छोड़ने की चर्चा
मई के पहले सप्ताह में भी मुकुल रॉय के भारतीय जनता पार्टी छोड़कर अपनी पुरानी पार्टी तृणमूल कांग्रेस पार्टी में जाने की चर्चा गरम थी। तब उन्होंने अपने एक ट्वीट से इस तरह की खबरों पर पूर्ण विराम लगा दिया था।
रॉय ने कर दी थी बोलती बंद
रॉय ने ट्विटर पर लिखा था, ‘बंगाल में लोकतंत्र को बहाल करने के लिए मेरी लड़ाई भाजपा कार्यकर्ता के रुप में जारी रहेगी। जो लोग मेरे टीएमसी में जाने की अफवाहों को महत्व दे रहे हैं, मैं उन सभी से अपील करूंगा कि मैं अपने राजनीतिक मार्ग पर दृढ़ हूं।’
ये थे कारण
दरअस्ल उन दिनों हुई भाजपा विधायक दल की बैठक से मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी दोनों नदारद थे। हालांकि शपथ ग्रहण के दौरान दोनों उपस्थित रहे थे। इसके बाद रॉय को टीएमसी के सुब्रता बख्शी को बधाई देता देखा गया था, तब से ही उनके टीएमसी में लौटने की चर्चा शुरू हो गई थी। मुकुल रॉय पश्चिम बंगाल में भाजपा का एक बड़ा चेहरा हैं। उनके पार्टी छोड़ने से भाजपा को भारी नुकसान हो सकता है। वैसे, रॉय के भाजपा छोड़ने की संभावना ना के बराबर है।