बारिश में उजाड़ डाला… नग्न हिरासत और विधायक पर कार्रवाई… मुंबई में ऐसी अंधेरगर्दी

कांदिवली पूर्व के कुरार विलेज में तोड़क कार्रवाई के विरोध में लोगों का रोष है।

129

मुंबई के कांदिवली में परियोजना के लिए भूमि संपादन के नाम पर प्रशासन का अजब कारभार देखने को मिला। यहां कुरार विलेज परिसर में प्रशासन ने सबेरे-सबेरे तोड़क कार्रवाई शुरू कर दी। इसका विरोध कर रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई कर दी। जिसके विरोध में स्थानीय विधायक अतुल भातखलकर उतर गए तो उन्हें भी पकड़कर पुलिस ले गई। जबकि पुलिस की गाड़ी में बैठाए गए युवक के शरीर पर तो कपड़े तक नहीं थे। जिससे लोगों में आक्रोश है।

शुक्रवार के जल प्लावन के बाद शनिवार की सुबह लोग घरों से निकलने में डर रहे थे क्योंकि शहर में बारिश का एलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद भी भूमि संपादन के लिए मुंबई मनपा और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजनल डेवलेपमेन्ट अथॉरिटी ने शनिवार सुबह से तोड़क कार्रवाई शुरू कर दी। जहां यह कार्रवाई की गई वह क्षेत्र स्लम है। जिसका विरोध लोगों ने किया तो आरोप है कि बल प्रयोग भी किया गया। इस बीच वहां स्थानीय विधायक अतुल भातखलकर पहुंच गए। इसके बाद जो चित्र वहां दिखा वह किसी को भी हिला देगा। पुलिस की वैन में स्थानीय लोगों को बैठाया गया था, जिसमें स्त्री-पुरुष दोनों की ही आवाजें आ रही थी और इसी गाड़ी में नग्न पुरुष भी दिख रहे थे।

ये भी पढ़ें – पंजाब में जारी रहेगा कैप्टन- सिद्धू में पंगा! अब अमरिंदर सिंह ने ऐसे बढ़ाई पार्टी हाईकमान की मुश्किल

अनुत्तरित प्रश्न

भूल गए महानगर पालिका की प्रथा-परंपरा : मुंबई महानगर पालिका बारिश में तोड़क कार्रवाई नहीं करती है। इसके लिए मनपा आयुक्त और प्रशासन विशेष प्रावधान करके मानवीय संवेदनशीलता बरतते हैं। कुरार विलेज में इसका पालन क्यों नहीं किया गया?

बल प्रयोग के बाद नग्न पुरुषों के साथ लोगों को क्यों गाड़ी में बैठाया : पुलिस की जिस वैन को स्थानीय विधायक ने रोका था उसमें नग्न पुरुष भी दिख रहे थे। इस गाड़ी के पास जाने से मीडिया को रोका जा रहा था। स्थानीय विधायक अतुल भातखलकर का आरोप है कि लोगों को नग्न करके पीटा गया और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। यदि ऐसा है तो नग्न पुरुषों के साथ अन्य विरोधकर्ताओं को क्यों एक ही पुलिस वैन में ठूंस दिया गया?

किस अवमानना की बात कह रहे विधायक : विधायक अतुल भातखलकर ने कहा है कि वे इस प्रकरण में न्यायालय  की शरण लेंगे। उन्होंने कहा कि वे पुलिस, मनपा व एमएमआरडीए के विरुद्ध अवमानना की याचिका दायर करेंगे। क्या इस कार्रवाई को रोकने के लिए न्यायालय का कोई आदेश था जिसकी अवमानना हुई है? यदि है तो किसके दबाव में लोगों को बेघर किया जा रहा है?

पर्यायी घर दिया गया था?
जिन लोगों के घरों को मेट्रो परियोजना के लिए तोड़ा गया है उन्हें क्या पर्यायी घर दिया गया था? यदि हां तो किस क्षेत्र में दिया गया था यह सबसे बड़ा सवाल है। नियमों के अनुसार परियोजनाग्रस्तों का उनके मूल स्थान से कुछ ही किलोमीटर के दायरे में पुनर्वसन किया जाना चाहिए और दूसरे नियम के अनुसार उन्हें घर के उत्तर की दिशा में लेकिन मुंबई की हद में ही पर्यायी घर दिया जाए।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.