मुंबई महानगर और उपनगरीय क्षेत्रों में रेलवे लाइन के किनारे बने झोपड़ों को हटाने पर लाखों लोगों की जिंदगी तबाह हो जाएगी, इसलिए मैं किसी झोंपड़ी को टूटने नहीं दूंगा। महाराष्ट्र के गृह निर्माण मंत्री जीतेन्द्र आव्हाड ने यह घोषणा करते हुए कहा कि मैं मंत्री बाद में जनता का कार्यकर्ता पहले हूं। घर उनका अधिकार है। अगर कोई उन्हें उनके अधिकारों से वंचित करेगा, तो मैं अपनी जान देकर उसकी रक्षा करूंगा।
गृह निर्माण मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आवास विभाग कभी भी नमक के भूखंड़ों पर भवन निर्माण की अनुमति नहीं देगा, क्योंकि इससे मुंबई में पर्यावरण प्रभावित होगा।
इसलिए नमक के भूखंडों का रहना जरुरी
आव्हाड ने ठाणे में पत्रकारों से कहा कि नमक के भूखंडों पर घर बनाने का प्रस्ताव कुछ साल पहले केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को भेजा गया था। इसके लिए एमएमआरडीए नीति तैयार कर रही है। इस संबंध में मैंने मुख्यमंत्री से बात की है। वे भूखंड केवल नमक के खेत ही नहीं हैं, बल्कि भूजल स्तर को बनाए रखने का एक शानदार तरीका भी है। ग्लोबल वार्मिंग का असर अब मुंबई में भी महसूस किया जा रहा है। अगर यह नमक की खेती खत्म हो गई तो इसका असर बड़े पैमाने पर महसूस किया जाएगा। इसलिए हमने नमक के भूखंड़ों पर भवन नहीं बनाने का फैसला किया है।
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न्यायालय के फैसले के आधार पर रेलवे ने लिया ऐसा निर्णय
बताया जा रहा है कि सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने का निर्णय न्यायालय के फैसले के आधार पर लिया गया है। रेलवे ने फैसले के अनुसार पटरियों के किनारे के झोपड़ा मालिकों को नोटिस जारी किया है। इस पृष्ठभूमि में आव्हाड ने कहा कि अगर रेलवे के किनारे से अतिक्रमण हटाया गया तो मुंबई में 5 लाख लोग बेघर हो जाएंगे। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि अगर ऐसा होता है तो ठाणे में हजारों लोग सड़क पर आकर आंदोलन करेंगे।