मुंबईः एसआरए ​​मामलों में सांसद गोपाल शेट्टी की चेतावनी के बाद इंजीनियर ने मांगी लिखित माफी, दी ये सफाई

एसआरए के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को परेशान करने की शिकायतें कथित रूप से बढ़ती जा रही हैं।

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भारतीय जनता पार्टी सांसद गोपाल शेट्टी ने आरोप लगाया है कि मुंबई के स्लम रिहैबिलिटेशन अथॉरिटी (एसआरए) के अधिकारी और स्थानीय नेता-कार्यकर्ता एक-दूसरे की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार कर रहे हैं। सांसद शेट्टी ने चेतावनी दी है कि इस तरह की मस्ती कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर अधिकारी आम लोगों के मुद्दों पर मनमानी करेंगे तो वे ‘एसआरए’ के ​​मामलो का पर्दाफाश करेंगे।

बता दें कि आवास विभाग उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास है। एसआरए भी इसी विभाग के अंतर्गत आता है। इस प्राधिकरण के भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों द्वारा मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को परेशान करने की शिकायतें कथित रूप से बढ़ती जा रही हैं। यहां तक कि दशहरा पर छुट्टी के दौरान भी सब-इंजीनियर प्रशांत चौगुले, मलाड में एसआरए के देवस्मृति भवन में स्थित कुछ फ्लैट खाली कराने के लिए एक सहयोगी के साथ पहुंच गए। इस बात की जानकारी पाकर सांसद शेट्टी भी वहां पहुंच गए। स्थानीय लोगों ने शेट्टी को सूचित किया कि कुछ राजनीतिक दलों के स्थानीय नेता इस अवैध वसूली में शामिल हैं और एसआरए अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसी गतिविधियां चल रही हैं।

दो एसआरए अधिकारी सक्रिय
शेट्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लोगों को सस्ते आवास उपलब्ध कराने के लिए ईमानदारी से काम कर रहे हैं। लेकिन निचले स्तर के कुछ भ्रष्ट अधिकारी और कर्मचारी व्यवस्था को खोखला कर रहे हैं। इसे सहन नहीं किया जाएगा। हमारी सरकार ने ढाई लाख रुपए चार्ज कर स्लम की पहली मंजिल पर रहने वाले लोगों की सुविधाएं बेहतर बनाने का फैसला किया है। सरकार के इस फैसले की जीआर जल्द जारी की जाएगी। लेकिन उससे पहले ही एसआरए अधिकारियों ने लोगों से अवैध रूप से वसूली शुरू कर दी है। सांसद गोपाल शेट्टी ने बताया कि दशहरे की छुट्टी वाले दिन दो एसआरए अधिकारी इसी वजह से मलाड की सोसायटी में पहुंच गए।

अधिकारी ने मांगी लिखित माफी 
दशहरा की छुट्टी पर एसआरए भवन में फ्लैट खाली कराने गए एक अधिकारी ने लिखित माफीनामा जारी किया है। उसने लिखा है कि यह सारा विवाद गलतफहमी के चलते हुआ। इसको लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की गई है। सेकेंड इंजीनियर प्रशांत चौगुले ने अपनी लिखित माफी में कहा कि मैं इस सारे विवाद के लिए माफी मांगता हूं।

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