महाराष्ट्र के अमरावती की सांसद नवनीत राणा और उनके पति विधायक रवि राणा 5 मई को 12 दिन बाद जेल से रिहा हो गए। दोनों को जमानत दे दी गई और 5 मई को बोरीवली न्यायालय में 50-50-50 हजार रुपये का मुचलका दाखिल किया गया। इस बीच नवनीत राणा को तबीयत खराब होने पर मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस दौरान मीडिया ने उनसे बात करने की कोशिश की लेकिन कहा जाता है कि राणा ने केवल हाथ जोड़कर उन्हें धन्यवाद देकर कुछ भी कहने से इनकार किया।
इस तरह चली रिहाई की प्रक्रिया
इस बीच, बोरीवली के एक न्यायालय ने 5 मई को राणा दंपत्ति को जमानत दे दी। न्यायालय से रिहाई का आदेश मिलने के बाद पुलिस की एक टीम को भायखला और दूसरे को तलोजा जेल भेजा गया। उसके बाद नवनीत राणा को जेल से रिहा कर दिया गया। उनके बाद रवि राणा को भी रिहा कर दिया गया। बता दें कि नवनीत राणा को भायखला महिला जेल भेजा गया था, जबकि रवि राणा को तलोजा सेंट्रल जेल भेजा गया था।
यह है मामला
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे द्वारा शिवतीर्थ पर गुडीपड़वा के अवसर पर एक जनसभा में बयान दिए जाने के बाद राज्य की राजनीति में सनसनी मच गई। इसके बाद 23 अप्रैल को अमरावती के सांसद नवनीत राणा ने घोषणा की कि वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। परिणामस्वरुप, राज्य में शिवसैनिक आक्रामक हो गए और इसका गंभीर असर मुंबई में महसूस किया गया।
इस तरह हुई गिरफ्तारी
उसके बाद शिवसैनिक राणा दंपत्ति के खिलाफ मातोश्री के बाहर जमा हो गए और तीन दिन तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला। अंत में, राणा दंपति ने एक वीडियो जारी करक अपनी घोषणा वापस ले ली। उन्होंने कहा कि वे हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए मातोश्री के बाहर नहीं जाएंगे। पुलिस ने बाद में राणा दंपति को गिरफ्तार कर लिया और उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया। उसके बाद सांसद नवनीत राणा को भायखला जेल में, जबकि विधायक रवि राणा को तलोजा जेल में रखा गया था।