देश की सबसे अमीर मुंबई महानगरपालिका का चुनाव अगले कुछ महीनों में होने वाला है। लेकिन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कोई नेता इसके लिए मुंबई में सक्रिय नहीं दिख रहा है। इस स्थिति में सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर राकांप में मुंबई का नेतृत्व कौन कर रहा है? हालांकि कहने को उपमुख्यमंत्री अजित पवार मुंबई के पार्टी प्रभारी हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों से सांसद सुप्रिया सुले और विधायक रोहित पवार का नाम सामने आ रहा था। लेकिन अब ये दोनों नेता भी मुंबई की उपेक्षा करते दिख रहे हैं। इसके साथ ही मुंबई राकांपा अध्यक्ष नवाब मलिक भी मंत्री पद संभालने में लगे हैं, इसलिए, पार्टी के संगठनात्मक ढांचे की उपेक्षा स्पष्ट रुप से दिख रही है।
कहां गए ये दोनों नेता?
बीएमसी चुनाव में शिवसेना और राकांपा को साथ आने की चर्चा है। राज्य में सत्ता हासिल करने के बाद राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने विधायक रोहित पवार के साथ मुंबईकरों का ध्यान आकर्षित करना शुरू किया था। इसी कड़ी में दोनों नेताओं को मुंबई में विभिन्न कार्यक्रमों में एक साथ देखा गया था। इससे लग रहा था कि सुप्रिया सुले और रोहित पवार मुंबई की कमान संभाल रहे हैं लेकिन अचानक ये दोनों नेता मुंबई की अनदेखी करने लगे हैं। हालांकि कहा जा रहा है कि सुप्रिया सुले, अजित पवार के पावर को कम करने के लिए मुंबई की कमान रोहित पवार को सौंपने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन सच यही है कि वर्तमान में मुंबई में इस पार्टी का नेतृत्व नहीं दिख रहा है।
संगठन की अनदेखी
एक तरफ कांग्रेस पार्टी आत्मनिर्भरता के नारे के साथ मोदी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर पार्टी में जान फूंकने की कोशिश कर रही है, वहीं राकांपा जनता दरबार के जरिए कार्यकर्ताओं से संवाद साधने की कोशिश कर रही है। इसके बावजूद सच्चाई यही है कि पार्टी द्वारा मुंबई की उपेक्षा की जा रही है, क्योंकि इस महानगर में पार्टी सांगठनिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा रही है। नवाब मलिक पार्टी के मुंबई अध्यक्ष तो हैं, लेकिन संगठनात्मक मामलों पर उनका ध्यान कम है क्योंकि उनके पास मंत्री पद की भी जिम्मेदारियां हैं।
मुंबई में राकांपा के पास ताकतवर नेता का अभाव
मुंबई में राकांपा के ताकतवर नेता माने जाने वाले सचिन अहीर, संजय दीना पाटील, प्रकाश सुर्वे और सूर्यकांत पाटील शिवसेना में शामिल हो गए हैं। इस स्थिति में महानगर में राकांपा का एकमात्र चेहरा नवाब मलिक हैं। हालांकि पार्टी में रवींद्र पवार, संतोष धुवाली, अजित रावराणे जैसे नेता तो हैं, लेकिन जनता पर और पार्टी में इनका प्रभाव काफी कम है। अब देखना है कि बीएमसी चुनाव के मद्देनजर पार्टी प्रमुख शरद पवार मुंबई की कमान किसके हाथ में सौंपते हैं?