Mumbai: संजय निरुपम छोड़ेंगे कांग्रेस का साथ? इस पार्टी में जाने की चर्चा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संजय निरुपम पार्टी से बेहद नाराज चल रहे हैं। मुंबई की उत्तर पश्चिम लोकसभा चुानव क्षेत्र से टिकट नहीं मिलने से वे खफा हैं। उन्होंने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं।

150

Mumbai: कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम(Congress leader and former MP Sanjay Nirupam) ने कांग्रेस पार्टी छोड़ने की पूरी मानसिक तैयारी कर ली है, यह उनके कई बयानों से जाहिर हो रहा है। वहीं, निरुपम का झुकाव शिवसेना शिंदे गुट (Shiv Sena Shinde faction) की ओर ज्यादा दिख रहा है। उनके हालिया बयानों से पता चलता है कि उनके लिए बीजेपी भी एक विकल्प है।

कांग्रेस को कोई फर्क नहीं पड़ता
निरुपम ने कहा, “यहां तक ​​कि जब हमने कहा कि हम कांग्रेस छोड़ देंगे, तब भी पार्टी के एक भी नेता ने नहीं पूछा, चर्चा नहीं की और किसी को परवाह नहीं थी।” उन्होंने खुले तौर पर स्वीकार किया कि उन्हें मुंबई में उत्तर-पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र में दिलचस्पी थी, लेकिन कांग्रेस ने यह पार्टी शिवसेना उबाठा गुट की झोली में डाल दी।”

शिवसेना (शिंदे गुट) एक विकल्प
निरुपम ने भविष्य के रुख के बारे में कोई खुली राय व्यक्त नहीं की, लेकिन ‘क्या वे शिव सेना (शिंदे) पार्टी में शामिल होंगे?’ इस सवाल पर ‘ऐसी कोई बात नहीं’ कहकर उन्होंने संकेत दिया कि शिवसेना (शिंदे) भी एक विकल्प हो सकती है।

मोदी की भूमिका पर निरुपम नरम
एक मराठी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में निरुपम ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की और मोदी के काम पर ‘नरम’ रुख अपनाया, जो कांग्रेस नेता के लिए सामान्य रुख नहीं था। कांग्रेस पार्टी के काम करने के ढंग की आलोचना करके निरुपम ने एक तरह से मोदी के काम करने के तरीके का समर्थन किया। क्या कांग्रेस ने अपनी शक्ति का दुरुपयोग नहीं किया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “यदि आप कहते हैं कि मोदी ‘तानाशाह’ बन गए हैं, तो लोग उन्हें क्यों पसंद करते हैं? तीन चीजों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। सोने की कीमत, लड़कियों की उम्र और मोदी की लोकप्रियता,”उन्होंने मजाक किया। मोदी सरकार 10 साल से सत्ता में है, लेकिन अभी तक सरकार विरोधी माहौल नहीं है। अगर उनकी नीतियां गलत हैं तो हमने सिर्फ सोशल मीडिया पर विरोध किया। बाकी कहीं नहीं।”

Namo App: पीएम ने कार्यकर्ताओं को बताताया भाजपा का चेहरा, इस बात को प्राथमिकता देने का किया आग्रह

ढह चुका कै कांग्रेस का ढांचा
किसी भी कांग्रेसी नेता को यह कहने से गुरेज नहीं है कि कांग्रेस पार्टी का ढांचा टूट गया है, “किसी को कोई जानकारी नहीं है। राज्य में शिवसेना के साथ गठबंधन करके, पार्टी ने अपनी ज़िम्मेदारी बढ़ा दी है और कांग्रेस पार्टी की तरह इसे ‘आउटसोर्स’ कर दिया है।”

इंडी गठबंधन एक तमाशा
संजय निरुपम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन की भी आलोचना की, “इंडी फ्रंट एक तमाशा है। एक ओर जहां कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन किया, तो कांग्रेस के नेता दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर सहानुभूति जताने दिल्ली पहुंचे, वहीं पंजाब में कांग्रेस कार्यकर्ता इस बात से नाराज हो गए। पश्चिम बंगाल में उन्होंने कम्युनिस्टों के साथ गठबंधन किया और केरल में उनके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। ऐसा लगता है कि ये एक तमाशा है।’देश का मतदाता यह सब देख रहा है।”

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.