दशहरा रैली में किसकी आवाज थी तेज? शिंदे की या ठाकरे की? जानिये, इस खबर में

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में दशहरा रैली का आयोजन किया। शिवाजी पार्क में नेताओं के भाषण शुरू होने से पहले ही बालमोहन क्षेत्र के पास जमा भीड़ ने ढोल बजाना शुरू कर दिया।

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दशहरा रैली पर उद्धव ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच विवाद ध्वनि प्रदूषण मानदंडों के उल्लंघन के कारण फिर से सुर्खियों में है। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर आरोप लगाते समय ध्वनि मापदंडों की सीमा का उल्लंघन किया। दादर में उद्धव ठाकरे का छत्रपति शिवाजी महाराज पार्क पर ध्वनि प्रदूषण 101.6 डेसिबल की सीमा तक पहुंच गया। ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ लड़ने वाले पर्यावरणविद् संगठन आवाज फाउंडेशन के रिकॉर्ड के अनुसार, उद्धव ठाकरे की रैली में बड़ी संख्या में ध्वनि प्रदूषण मापदंड का उल्लंघन हुआ, वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की दशहरा रैली के दौरान ध्वनि की सीमा 91.6 डेसिबल तक पहुंच गई।

उद्धव गुट का ऐसा रहा हाल
कोरोना के चलते पिछले दो साल से शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली नहीं हुई थी। इस वर्ष कोरोना खत्म होने के बाद शिवाजी पार्क में शिवसेना की दशहरा रैली हुई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह ने बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में दशहरा रैली का आयोजन किया। शिवाजी पार्क में नेताओं के भाषण शुरू होने से पहले ही बालमोहन क्षेत्र के पास जमा भीड़ ने ढोल बजाना शुरू कर दिया। मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा के पास मैदान के प्रवेश द्वार के पास शोर की सीमा 101.6 डेसिबल तक पहुंच गई। बैठक शुरू होने से ठीक पहले शाम 5:40 बजे बालमोहन क्षेत्र के आसपास के इलाकों में ध्वनि सीमा का व्यापक उल्लंघन हुआ।

शिंदे गुट की रैली का हाल
उधर, बांद्रा-कुर्ला कांपलेक्स में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के प्रवेश पर जोरदार गायन शुरू हो गया। शाम साढ़े सात बजे मुख्यमंत्री सभा स्थल पहुंचे। उस समय शोर की सीमा 91.6 डेसिबल तक पहुंच गई। आवाज फाउंडेशन ने शिवाजी पार्क क्षेत्र में शाम 5:30 बजे से रात 9:00 बजे तक ध्वनि प्रदूषण मापा। बांद्रा-कुर्ला कांपलेक्स में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह द्वारा आयोजित दशहरा रैली के दौरान ध्वनि प्रदूषण की परवाह किए बिना कार्यकर्ताओं ने शाम 5:30 बजे से रात 9:30 बजे तक भाषण दिया। उद्धव ठाकरे समूह के अन्य नेताओं ने जोरदार भाषण दिया। माइक की मदद से उनका शोर और भी तेज हो गया। एकनाथ शिंदे समूह में भी नेताओं ने जोरदार भाषण दिया, लेकिन फाउंडेशन के निरीक्षण के अनुसार एकनाथ शिंदे की रैली में ध्वनि प्रदूषण उद्धव ठाकरे की रैली से कम रहा।

उद्धव ठाकरे की तुलना में अन्य नेता लाउड रहे
किशोरी पेडनेकर – 97 डेसिबल
नितिन देशमुख – 93.5 डेसिबल
अंबादास दानवे – 96.6 डेसिबल
सुषमा अंधारे – 93.6 डेसिबल
उद्धव ठाकरे – 88.4 डेसिबल

एकनाथ शिंदे समूह
किरण पावस्कर – 88.5 डेसिबल
शाहराज पाटील – 82.4 डेसिबल
राहुल शेवाले – 78.8 डेसिबल
धैर्य माने – 88.5 डेसिबल
अरुणा गवली – 83.9 डेसिबल
शरद पोंक्षे – 82.8 डेसिबल
गुलाबराव पाटील – 86 डेसिबल
रामदास कदम – 84.2 डेसिबल
एकनाथ शिंदे – 89.6 डेसिबल

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