गठबंधन पर क्यों तपी ‘यशोमती’?

महाविकास आघाड़ी सरकार के तीन प्रमुख घटक दल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सबकुछ सामान्य है इसे लेकर निरंतर बातें होती हैं। कांग्रेस, आघाड़ी सरकार के गठन के एक वर्ष में कई बार सार्वजनिक रूप से शिकायत करती रही है कि सरकार के निर्णयों में उसकी राय नहीं ली जाती।

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महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी में टीका-टिप्पणियों को लेकर कांग्रेस ने चेतावनी दी है। पार्टी कार्याध्यक्ष ने अपनी पार्टी के नेतृत्व पर गठबंधन दलों की टिप्पणी को लेकर नाराजगी जताई है। गठबंधन दलों के इस व्यवहार से कार्याध्यक्ष यशोमती तप गई हैं।

महाविकास आघाड़ी सरकार के तीन प्रमुख घटक दल शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सबकुछ सामान्य है इसे लेकर निरंतर बातें होती हैं। कांग्रेस, आघाड़ी सरकार के गठन के एक वर्ष में कई बार सार्वजनिक रूप से शिकायत करती रही है कि सरकार के निर्णयों में उसकी राय नहीं ली जाती। हाल ही में बिजली बिल के मुद्दे पर कांग्रेस ने दोनों घटक दलों पर अनदेखी का आरोप लगाया था। लेकिन अब सरकार में मंत्री यशोमती ठाकुर का ताप सरकार का पारा चढ़ानेवाला है।

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क्या कहा यशोमती ने?

यशोमती ठाकुर कांग्रेस की कार्याध्यक्ष हैं। वे अपने विचारों को बेरोकटोक रखने के लिए पहचानी जाती हैं। कई बार इसके कारण उन्हें निंदा भी झेलनी पड़ती है। महाविकास आघाड़ी सरकार में यशोमती ठाकुर महिला व बाल विकास मंत्री हैं। यशोमती ने एक ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि कुछ नेताओं के साक्षात्कार और लेख उन्होंने देखे या पढ़े। इसके बाद उन्होंने लिखा है कि, यदि सभी चाहते हैं कि सरकार स्थिर रहे तो मित्र दलों को गठबंधन का धर्म निभाना चाहिए और दूसरे दल के नेतृत्व पर टीका-टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

पवार पर आया गुस्सा!

यशोमती ठाकुर भले ही स्पष्ट नाम न लें पर उनके निशाने पर जो टिप्पणीकार इस बार हैं वो एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार हैं। बात ये है कि, शरद पवार ने एक साक्षात्कार में राहुल गांधी पर टिप्पणी की थी। कांग्रेस नेताओं की गांधी परिवार पर आस्था के विषय में भी उन्होंने चर्चा की थी। माना जा रहा है इसी को लेकर पवार पर यशोमती ठाकुर को गुस्सा आया है।

 

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