मुंबई शहर को दो गार्जियन मिनिस्टर दिये गए हैं। शहर के लिए अस्लम शेख और उपनगर के लिए आदित्य ठाकरे, परंतु आरोप है कि, ये दोनों नेता अपने क्षेत्रों के अलावा बाहर की दुनिया देखते ही नहीं हैं। इसका ताजा उदाहरण है, मालाड पश्चिम में अस्लम शेख द्वारा की जा रही पोस्टरबाजी। उनके इस काम से पक्ष विपक्ष सभी के नगरसेवक बहुत परेशान हैं।
महाविकास आघाड़ी के घटक दल के नगरसेवकों की गति ये है कि, कहा भी न जाए, सहा भी न जाए… इसके पीछे कारण यह है कि, मालाड के विधायक और राज्य सरकार के मंत्री अस्लम शेख ने जब टीपू सुल्तान के नाम से खेल मैदान का नामकरण किया तो हिंदुवादी पार्टियों आक्रोषित हो उठीं। इसमें सरकार की घटक दल का समावेश भी है, परंतु, गठबंधन का धर्म निभाते हुए शिवसेना नेता टीपू पर अस्लम शेख को बचानेवाले बयान दे रहे हैं। जिसके कारण स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, परंतु कहें तो कहें किसे।
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नगरसेवक हुए त्रस्त
मालाड में इन दिनों गटर और मार्गों का कार्य मनपा द्वारा किया जा रहा है। यह कार्य नगरसेवक अपनी प्रगति पुस्तक में शामिल करके आगामी चुनावों में उतरने के लिए तैयार होने के प्रयत्न में हैं, परंतु गठबंधन के पालक मंत्री ने अपना और अपने बेटे का नाम करते हुए होर्डिंग लगवा दी। मनपा के कार्यों में अपना पारिवारिक प्रचार करनेवाले अस्लम शेख को लेकर नगरसेवकों में बड़ी नाराजगी है। महाविकास आघाड़ी के जिन नगरसेवकों को कल तक मंत्री अस्लम शेख अपने लग रहे थे और बड़े अदब से वे मालवणी एक नंबर के कार्यालय में हाजिरी लगाते नहीं थकते थे, वही अब दबी जुबान कहने लगे हैं कि, ये पालक मंत्री मुंबई शहर के हैं, या मालाड यही समझ में नहीं आ रहा है।
होर्डिंग से हाहाकार
मालाड विधान सभा से अस्लम शेख विधायक हैं। उनकी विधान सभा में कांग्रेस के 3, शिवसेना के 1 और भाजपा के 2 नगरसेवक हैं। इन सभी नगरसेवकों के क्षेत्रों में वर्तमान समय में पर्जन्यवाहिनी, सड़क आदि के कार्य मनपा द्वारा किये जा रहे हैं। जहां, विधायक अस्लम शेख ने बड़े-बड़े होर्डिंग लगवाकर अपना और अपने बेटे का प्रचार करते हुए कार्य का श्रेय ले रहे हैं। इन वॉर्डों के नगरसेवकों में भाजपा की योगिता कोली और जया सतनाम सिंह तीवाना, शिवसेना की गीता भंडारी आदि का समावेश है।