Nagpur violence: महाराष्ट्र (Maharashtra) के नागपुर हिंसा (Nagpur violence) के दौरान एक ड्यूटी पर तैनात महिला पुलिस अधिकारी के साथ एक व्यक्ति ने कथित तौर पर छेड़छाड़ (molestation) की, इस संबंध में 19 मार्च (बुधवार) को दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR lodged) में यह जानकारी दी गई।
एफआईआर में कहा गया है कि नागपुर हिंसा के आरोपियों ने घटना के दौरान पुलिसकर्मियों सहित कुछ अन्य महिलाओं के साथ अश्लील इशारे किए और दुर्व्यवहार किया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना कथित तौर पर 17 मार्च को शाम 4 बजे शुरू हुई और लगभग 11.30 बजे रात तक जारी रही।
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कुरान को जलाने की अफवाह
टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि आरोपी ने पुलिसकर्मी के शरीर और वर्दी को भी छुआ, जो दंगा नियंत्रण दल का सदस्य बताया जा रहा है। छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) में मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद के बीच नागपुर के कई हिस्सों में हिंसा भड़कने के दो दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि दंगे दक्षिणपंथी समूह द्वारा मुस्लिम समुदाय की पवित्र पुस्तक कुरान को जलाने की अफवाहों के कारण फैले।
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औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल पुणे के महल गेट पर औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर एक धार्मिक कपड़ा भी जलाया। नागपुर के महल और हसनपुरी इलाकों में हिंसा तेजी से फैली, दंगाइयों ने वाहनों और संपत्ति को आग लगा दी। शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया और अधिकारियों ने शांति बनाए रखने की अपील की। हिंसा के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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500-600 अज्ञात व्यक्तियों के नाम दर्ज
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि एफआईआर संख्या 0115, 18 मार्च को गणेशपेठ पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर जितेंद्र बाबूराव गाडगे द्वारा दर्ज की गई थी, जो सोमवार को सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक ड्यूटी पर थे। पुलिस ने नागपुर हिंसा के सिलसिले में 51 लोगों को गिरफ्तार किया है, और उसी एफआईआर में 51 नामजद आरोपी और 500-600 अज्ञात व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं। बुधवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय (जेएमएफसी) ने नागपुर हिंसा मामले में 19 आरोपियों को 21 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। नागपुर पुलिस ने आरोपियों को अदालत के समक्ष पेश किया और आगे की जांच के लिए उनकी रिमांड मांगी।
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ओसामा बिन लादेन की एंट्री
औरंगजेब की कब्र पर विवाद के बीच एकनाथ शिंदे ने ओसामा बिन लादेन का जिक्र किया। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तुलना की कि 17वीं सदी के मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र पर विवाद के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन को दफनाने के तरीके को कैसे संभाला। शिवसेना नेता ने कहा कि अमेरिका ने मारे गए अलकायदा प्रमुख को अपनी भूमि पर दफनाने से इनकार कर दिया और किसी भी तरह के महिमामंडन को रोकने के लिए उसके शव को समुद्र में फेंक दिया। एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में गरमागरम बहस में अपने समापन भाषण में कहा, “औरंगजेब कौन है? हमें अपने राज्य में उसका महिमामंडन क्यों करने देना चाहिए? वह हमारे इतिहास पर एक धब्बा है।”
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