महाराष्ट्र में ‘ऐसी’ सभाओं पर लगे रोक, नाना पटोले की मांग

मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बारे में पूछे जाने पर नाना पटोले ने कहा कि नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने पहले राज ठाकरे को सुपारीबाज कहा था। अब फडणवीस ही बता सकते हैं कि राज ने किसकी सुपारी ली है।

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महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने सूबे में धार्मिक दरार पैदा करने वाली सभाओं पर रोक लगाने की मांग की है। उनकी मांग है कि धार्मिक दरार पैदा करनेवाले सभी नेताओं की सभा को बैन कर देना चाहिए।

 हिंदू-मुस्लिम को बांटकर विवाद पैदा करने का आरोप
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। देश में महंगाई, बेरोजगारी, किसानों और श्रमिकों के मुद्दों से निपटने में मोदी सरकार पूरी तरह से फेल साबित हुई है। शकेंद्र सरकार अपनी इस नाकामी को छुपाने के लिए अब समाज में हिंदू-मुस्लिम को बांटकर विवाद खड़ा कर रही है। पटोले ने कहा कि ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और बेतहाशा महंगाई से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए धार्मिक मुद्दे उठाकर सामाजिक समरसता, शांति और सद्भाव को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। हमारे देश का संविधान सभी को अपने धर्म को मानने और इसके अनुसार पूजा और इबादत करने की आजादी देता है। मैं एक हिंदू हूं और हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करता हू लेकिन मैं कभी इसका ढिंढोरा पीट कर प्रचार नहीं करता हूं । हमें प्रार्थना करने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। सभी धर्म समान हैं और सभी को एक-दूसरे के धर्म का आदर करना चाहिए। जो लोग दूसरों के धर्म की आलोचना कर रहे हैं, वे संविधान को नहीं मानते हैं। पटोले के अनुसार भाजपा का एजेंडा धार्मिक नफरत फैलाना और मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाना है। लेकिन लोग उनके एजेंडे के शिकार नहीं होंगे। हाल के उपचुनावों में भाजपा पूरे देश में एक भी सीट नहीं जीत पाई । देश की जनता भाजपा की साजिश को अच्छी तरह से समझ चुकी है।

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किसने ली, किसकी सुपारी?
मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बारे में पूछे जाने पर नाना पटोले ने कहा कि नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने पहले राज ठाकरे को सुपारीबाज कहा था। अब देवेंद्र फडणवीस ही बता सकते हैं कि राज ठाकरे ने किसकी सुपारी ली है। दिल्ली, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश में कानून हाथ में लेकर दंगे हुए हैं। वहां सबने देखा है कि इसके पीछे कौन लोग थे। महाराष्ट्र में भी ऐसा ही करने का प्रयास किया गया लेकिन महाराष्ट्र की सक्षम सरकार ने उनके इरादों को विफल कर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सभी धर्मों के धर्मगुरुओं को चर्चा के लिए बुलाना चाहिए और उचित फैसला लेना चाहिए। महाराष्ट्र को बदनाम करनेवाले धर्म के ठेकेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

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