आरक्षण की मांग को लेकर मराठा समुदाय (Maratha community) आक्रामक हो गया है। कई जिलों में मराठा समाज ने नेताओं के प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया है। इसका खमियाजा नांदेड़ (Nanded) जिले में भाजपा सांसद प्रताप चिखलीकर (Pratap Chikhlikar) को भुगतना पड़ा है। 26 अक्टूबर को देर रात मराठा कार्यकर्ताओं ने भाजपा सांसद (BJP MP) के काफिले के दो वाहनों में तोड़फोड़ कर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया। इसके बाद प्रताप चिखलीकर को बैरंग गांव से बाहर निकल जाना पड़ा।
गांव से बैरंग बाहर निकले सांसद चिखलीकर
प्रताप चिखलीकर रात को नांदेड़ के अंबुलगा गांव में पूर्व जिला परिषद सदस्य मनोहर तेलंग से मिलने गए थे। इसकी जानकारी मिलते ही मराठा समाज सहित पूरे गांव वाले मौके पर इकट्ठा हो गए और एक मराठा लाख मराठा की घोषणा करने लगे। मराठा समाज चिखलीकर को वापस भेजने के लिए कह रहा था लेकिन जब चिखलीकर समर्थक बहस करने लगे तो इकट्ठा लोगों ने चिखलीकर के काफिले पर पथराव करना शुरू कर दिया। इस पथराव में चिखलीकर के काफिले के दो वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। मामला बढ़ता देख चिखलीकर गांव से बैरंग बाहर निकल गए।
मराठा समाज ने किया पाबंदी का ऐलान
इसी तरह के विरोध का सामना पूर्व मंत्री जयप्रकाश मुंदड़ा को हिंगोली जिले में करना पड़ा। मराठा आरक्षण (maratha reservation) न मिलने आक्रोशित मराठा समाज ने जयप्रकाश मुंदड़ा को बैरंग वापस भेज दिया है। पुणे के बारामती में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के किसी भी कार्यक्रम में आने पर भी मराठा समाज ने पाबंदी का ऐलान कर रखा है। मराठा समाज ने सूबे के हजारों गांवों में किसी भी दल के नेता के प्रवेश पर पाबंदी लगाई है। इसी वजह से अब नेताओं को गांव में जाने पर मराठा समाज के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
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