केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के निवास में अवैध निर्माण का आरोप लगाते हुए मुंबई महानगर पालिका ने नोटिस जारी की थी। उन्हें दो नोटिस दी गई थी, जिससे सुरक्षा के लिए राणे परिवार ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। इस याचिका की सुनवाई में उच्च न्यायालय ने अवैध निर्माण को नियमित करने के राणे के प्रस्ताव पर मनपा को उत्तर फाइल करने को कहा था। जिस पर मंगलवार को मनपा ने सूचित किया कि राणे का बंगला नहीं टूटेगा, यानि कार्रवाई के जाल में फंसानेवाली ठाकरे सरकार नारायण के सामने नम पड़ गई, यह कहना बेमानी नहीं होगा।
In every act, MVA has to come 4 steps backward.
Withdrawing the demolition notice of the Juhu banglow of @MeNarayanRane proves that decisions taken as a revenge can not stand in the court of law.@NiteshNRane @meNeeleshNRane— Avadhut Wagh अवधूत वाघ (@Avadhutwaghbjp) March 29, 2022
उच्च न्यायालय में मंगलवार को नारायण राणे के जुहू स्थित अधीश बंगले में हुए अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए मुंबई नगर निगम की ओर से जारी नोटिस के विरुद्ध दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान महाविकास आघाड़ी सरकार के महाअधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि, नारायण राणे के बंगले पर मुंबई नगर निगम की ओर से जारी की गई नोटिस वापस ली जा रही है। इस बंगले पर फिलहाल मुंबई नगर निगम कार्रवाई नहीं करनेवाली है। इसके बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि नारायण राणे के बंगले पर हुए अवैध निर्माण को नियमित करने का आदेश इससे पहले कोर्ट ने दिया था। इसलिए मुंबई नगर निगम बंगले में हुए अवैध निर्माण को नियमित करने की प्रक्रिया जल्द पूरा करें।
ये है प्रकरण
मुंबई के जुहू में नारायण राणे के 8 मंजिला अधीश बंगले पर अवैध निर्माण किए जाने की शिकायत एक आरटीआई कार्यकर्ता ने की थी। इस पर मुंबई नगर निगम की टीम ने बंगले का सर्वे किया था। इसके बाद निगम ने बंगले का अवैध निर्माण खुद तोड़ने के लिए नारायण राणे को नोटिस दिया था। मुंबई नगर निगम की इसी नोटिस को चुनौती देते हुए नारायण राणे ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।