महाराष्ट्र पुलिस ने 24 अगस्त को केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। रायगढ़ जिले में 23 अगस्त को जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान राणे ने कहा था कि यह शर्मनाक है कि राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह नहीं पता कि स्वतंत्रता दिवस के कितने साल हो गए। अगर मैं वहां होता तो उन्हें कान के नीचे बजा देता। इस बयान को लेकर राणे को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि उनका यह बयान कुछ समय बाद ही काफी चर्चा में आ गया और उनकी परेशानी का कारण भी बना। इस बयान को लेकर महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों के साथ ही मुंबई में भी शिवसेना-भाजपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। नारायण राणे पिछले 20 वर्षों में राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने वाले पहले और देश में तीसरे केंद्रीय मंत्री बन गए हैं।
पहले दो केंद्रीय मंत्री कौन ?
राज्य पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए पहले दो केंद्रीय मंत्रियों में दिवंगत मुरासोली मारन और टीआर बालू थे। उन्हें चेन्नई पुलिस ने जून 2001 के मध्य में आधी रात को एक नाटकीय घटनाक्रम में गिरफ्तार किया था। चेन्नई पुलिस ने मारन और बालू के साथ ही तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम.के. करुणानिधि को भी गिरफ्तार किया था।
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12 करोड़ के घोटाले से जुड़ा था मामला
यह मामला 12 करोड़ रुपये के फ्लाईओवर घोटाले से जुड़ा था। उन्हें 10 जुलाई 2001 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उस समय तत्कालीन केंद्रीय उद्योग मंत्री मारन गिरफ्तारी के दौरान पुलिस के साथ हुए विवाद में घायल हो गए थे। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टीआर बालू को भी मामूली चोटें आई थीं। मारन करुणानिधि के भतीजे थे।
अगले दिन जमानत पर रिहा
सन टीवी पर प्रसारित गिरफ्तारी के फुटेज में पुलिस के साथ करुणानिधि, मारन और बालू हाथापाई कर रहे थे। मारन और बालू दोनों ने पुलिस को करुणानिधि को गिरफ्तार करने से रोकने की भी कोशिश की थी। बताया जाता है कि उस समय पुलिस को रोकने के लिए उन्होंने अपने वाहन को दुर्घटनाग्रस्त कर दिया था। अगले दिन तत्कालीन केंद्रीय रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस चेन्नई गए थे। बाद में दोनों केंद्रीय मंत्रियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। इन दोनों केंद्रीय मंत्रियों के बाद राज्य पुलिस की गिरफ्त में आए नारायण राणे तीसरे केंद्रीय मंत्री बन गए हैं।
गिरफ्तारी के बाद राणे की पहली प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के बाद एक निजी समाचार चैनल पर वीडियो कॉल के माध्यम से प्रतिक्रिया देते हुए नारायण राणे ने कहा, “उद्धव ठाकरे को जो करना है, करने दो, मैं वही करूंगा जो मैं करना चाहता हूं। वह हमेशा सीएम नहीं रहेंगे। अगर वे इस तरह से कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं, तो हम भी राजनीति में हैं।”