अब बड़बोली भारी पड़ सकती है। केंद्र सरकार ने महत्वूर्ण निर्णय लिया है जिसके अनुसार राष्ट्र से संबंधित विषयों पर सेवानिवृत्ति के बाद भी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी नहीं बोल सकेंगे। यदि ऐसा कोई प्रकरण अधिकारियों के समक्ष आता है तो उन्हें इस पर सार्वजनिक रूप से प्रतिक्रिया या मत या खुलासा करने से पहले अपने विभाग और उस विभाग के प्रमुख से अनुमति लेनी होगी।
केंद्रीय अधिकारियों के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने 31 मई को एक आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार खुफिया या सुरक्षा से जुड़ा कोई सेवानिवृत्त अधिकारी अब विभाग या राष्ट्र से जुड़ी कोई भी बात को तब तक सार्वजनिक नहीं कर सकता, जब तक वह इसके लिए संबंधित विभाग या विभाग प्रमुख से आदेश न प्राप्त कर ले।
ये है नियम
- पेंशन के लिए बने नए नियम के अनुसार सेवानिवृत्ति के समय एक शपथ पत्र देना होगा
- अधिकारी को लिखित देना होगा कि विभाग या राष्ट्र से संबंधित कोई जानकारी नहीं करेंगे सार्वजनिक
- ऐसे किसी भी कार्य के लिए संबंधित विभाग से या उसके मुख्य अधिकारी से अनुमति अनिवार्य
- नियम पालन में असमर्थता पर पेंशन रोक सकती है सरकार
यदि इनसे संबद्द रहे हैं जानकारी तो लें अनुमति
- ऐसी जानकारी जिससे राष्ट्र की संप्रभुता पर हो खतरा
- कूटनीतिक, वैज्ञानिक या आर्थिक हित संबंधी मुद्दों से जुड़ी सूचना
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विषय में कोई जानकारी