राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार का आवास सिल्वर ओक हमेशा से राजनीतिक क्षेत्र में चर्चा का विषय रहा है। अब एक बार फिर यह सुर्खियों में है। यहां 11 जून को प्रसिद्ध चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने शरद पवार से मुलाकात की। अब हर कोई यह जानने को उत्सुक है कि आखिर इस मुलाकात के दौरान राजनीति के चाणक्य और चुनाव के चाणक्य में क्या बात हुई?
सूत्रों के मुताबिक बैठक में राकांपा के भविष्य की रणनीति और राजनीतिक एजेंडे पर चर्चा की गई। इसके साथ ही राष्ट्रीय स्तर के कई मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पता चला है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से कैसे दूर रखा जाए और चुनाव में किस चेहरे का उपयोग किया जाए, इस पर इस बैठक में अहम चर्चा हुई। बैठक में सांसद सुप्रिया सुले, विधायक रोहित पवार और राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील भी मौजूद थे।
राकांपा कैसे पहुंचे घर-घर
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि राकांपा को राज्य के हर घर तक पहुंचने के लिए कौन-से कार्यक्रम करने चाहिए ताकि चुनाव में पार्टी को सीधा फायदा हो सके। साथ ही बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की छवि लोगों के मन में इस समय अच्छी है। विशेष रूप से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार कोरोना महामारी से निपटने में देश के अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर काम कर रही है। इसके साथ ही सरकार की आम जनता में छवि कैसी है, इस बारे में भी चर्ची की गई।
बंगाल मॉडल लागू किया जा सकता है
क्या पश्चिम बंगाल मॉडल देश के अन्य राज्यों में लागू किया जा सकता है? पता चला है कि इस मुद्दे पर शरद पवार और प्रशांत किशोर ने चर्चा की। पश्चिम बंगाल के हालिया चुनावों में ममता बनर्जी को स्पष्ट बहुमत मिला है। इस चुनाव के लिए प्रशांत किशोर और शरद पवार ने अहम रणनीति बनाई थी। शरद पवार ने चेतावनी दी थी कि बंगाल में विभिन्न पार्टियों के बीच मतों का बंटवारा नहीं होना चाहिए। वे खुद भी ममता बनर्जी के प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल जाने वाले थे। हालांकि, अपनी सर्जरी के कारण वह प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल नहीं जा सके। फिर भी पवार और प्रशांत किशोर पूरी ताकत से ममता बनर्जी के साथ खड़े रहे और बहुमत हासिल करने में उनकी मदद की।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव पर चर्चा
क्या अब अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए भी यही तरीका लागू किया जा सकता है? इस बैठक में इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई। खासकर पवार और किशोर ने अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर चर्चा की। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर देश की राजनीति पर हमेशा पड़ा है। तो क्या अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव में भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सकता है? समझा जाता है कि इस बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई।
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लोकसभा चुनाव पर चर्चा
शरद पवार और प्रशांत किशोर ने 2024 में होने वाले आम चुनाव पर भी चर्चा की। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ किस चेहरे का इस्तेमाल किया जाए, इस बैठक में इसे लेकर विस्तार से चर्चा हुई। क्या पवार को 2024 के चुनाव में विपक्ष का नेतृत्व करना चाहिए, प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय राजनीति में इसके प्रभाव को लेकर पवार से चर्चा की।
राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा विरोधी गठबंधन
अगर भारतीय जनता पार्टी को 2024 में हराना है तो राष्ट्रीय स्तर पर सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना होगा। इसमें शरद पवार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। प्रशांत किशोर ने अभी से इसके लिए पहल करने और भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की बात कही।
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कोरोना ने मोदी सरकार के इमेज को पहुंचाया नुकसान
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद केंद्र सरकार की छवि खराब हुई है। लोग केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से नाराज हैं। बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि यह गुस्सा आने वाले चुनाव में कितना असर दिखा सकता है। पता चला है कि लोगों का गुस्सा कम करने के लिए केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा हुई।